ओम् शान्ति… आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त मुंबई स्थित भाईंदर तपस्याधाम सेवाकेंद्र द्वारा ‘सड़क सुरक्षा मोटर बाईक रैली’ का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों से निम्न हस्तियों को विशेष अतिथिरुप में आमंत्रित किया गया था।
आ. भ्राता सुरेश खंडेलवाल (अध्यक्ष, नगरसेवक)
आ. भ्राता डॉ. राजेंद्र नगरकट्टी (डॉक्टर, आशीर्वाद हॉस्पिटल)
आ. बहन नीलम धवन (नगरसेविका)
आ. बहन शुभांगी कोटियन (पूर्व नगरसेविका)
आ. भ्राता राजेश श्रीवास्तव (संस्थापक, गौरांग प्रॉडक्शन)
आ. बहन नीतू (समाजसेविका)
आ. ब्र. कु. राज बहन (सेवाकेंद्र संचालिका, कांदिवली)
आ. ब्र. कु. भानु दीदी (सेवाकेंद्र संचालिका, भाईंदर)
कार्यक्रम की शुरुवात में सभी अतिथिगण का स्वागत, तिलक, बैज, तुलसी का पौधा और शाल द्वारा हुआ। तत्पश्चात सभी अतिथिगण की उपस्थिति में दीप–प्रज्ज्वलन किया गया।
आ. ब्र. कु. राज बहन (संचालिका, कांदिवली सेवाकेंद्र) जी ने अपने वक्तव्य मे कहा, कि आजकल के युवाओं के बीच बाईक का क्रेज़ बढ़ रहा है। परन्तु हेल्मेट पहनना और गति–सीमा पर अंकुश रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण तथा अनिवार्य है। यह शरीर, जो परमात्मा की देन है, इसे संभालने की जिम्मेदारी स्वयम् की ही है। रोजमर्रा के जीवन मे चिढ़चिढ़ेपन, क्रोध तथा अन्य कारणों से मन मे पैदा होने वाले अस्थिरता के कारण, वाहन चलाते समय होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए और मानसिक संतुलन तथा एकाग्रता बनाए रखने के लिए, ‘राजयोग मेडिटेशन’ का नियमित अभ्यास बहुत ही लाभदायी साबित हो सकता है।
आ. भ्राता राजेश श्रीवास्तव (संस्थापक, गौरांग प्रॉडक्शन) जी ने कहा, कि वाहन चलाते समय यातायात के सभी नियमों का पालन करना, वाहनचालक की जिम्मेदारी है। सड़क सुरक्षा को ध्यान मे रख इन सभी नियमों के प्रति जागरूक होना, आम जनता के लिए महत्त्वपूर्ण है।
आ. भ्राता डॉ. राजेंद्र नगरकट्टी (डॉक्टर, आशीर्वाद हॉस्पिटल) जी ने अपने संबोधन में कहा, कि सड़क सुरक्षा हम सभी के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण विषय है। केवल गाड़ियों को चलाने के लिए ही नहीं, बल्की पदचारियों को सड़क पर चलने के लिए भी कुछ नियम बनाए गए है, जिन्हें अनदेखा करने से काफ़ी सड़क दुर्घटनाएं होती है। इसलिए हम सभी को इन नियमों का पालन करते हुए, अपने साथ साथ औरों को भी प्रेरित करना चाहिए।
आ. बहन नीलम धवन (नगरसेविका) जी ने कहा, कि जन–जन को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक करना, यह एक लक्ष्य होना चाहिए। इसी जागरुकता से होने वाली दुर्घटनाओं का स्तर कम किया जा सकता है। शराब पीकर गाड़ी चलाना, सीटबेल्ट ना पहनना, गाड़ी चलाते वक्त फ़ोन पर बात करना, यह यातायात नियमों का उल्लंघन है और इसे रोकना आवश्यक है।
आ. भ्राता सुशील खंडेलवाल (अध्यक्ष, नगरसेवक) जी ने अपने वक्तव्य मे कहा, कि किसी भी प्रकार की सड़क–यातायात दुर्घटना के समय, हमारा प्रथम दायित्व यह बनता है, कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को तुरंत ही प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जाए और यथासंभव उनकी मदद की जाए। परिवहन विभाग द्वारा बनाए गए सभी सैद्धांतिक एवम् व्यवहारिक संकेतों तथा नियमों का पालन कर, देश को समृद्धि और विकास की ओर बढ़ने मे हम सभी योगदान दे।
आ. ब्र. कु. भानु दीदी (संचालिका, भाईंदर सेवाकेंद्र) जी ने अपने वरदान रुपी बोल उच्चारते हुए कहा, कि सड़क पर अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना एक तरह से अपनी और औरों के जीवन रक्षा करना है। उन्होने ‘सड़क सुरक्षा अभियान’ के तहत मोटर बाईक रैली मे शामिल हो, जन–जन तक सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारी पहुंचाने के निमित्त बने सभी भाई–बहनों का तथा ईश्वरीय सेवाधारियों का अभिनंदन किया और उनकी सराहना की।