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आने वाले कल की तस्वीर बच्चों को संवारने के लिए दे समय

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों का सेमिनार का समापन

शिव आमंत्रण, आबू रोड, 30 जुलाई, निसं। राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग तथा ब्रह्माकुमारीज संस्थान संयुक्त तत्वाधान में चले रहे बाल कल्याण समिति के अध्यक्षों, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय बाल एकाग्रता और संस्कारित बच्चों पर आत्मबोध सेमिनार का समापन हो गया। समापन से पूर्व जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद ने कहा कि आने वाले कल की तस्वीर बच्चों के जीवन में उत्कृष्टता के लिए बच्चों के माता पिता को समय देने की जरूरत है। क्योंकि बच्चों का मन बिल्कुल खाली ब्लैकबोर्ड की तरह होता है। जिसपर जो लिखा जाये वही छप जाता है।
जिला कलेक्टर ब्रह्माकुमारीज संस्थान के ग्लोबल आडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय सेमिानार के समापन सत्र से पूर्व बोल रहे थे। उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि वे समाज में भटकने के दहलीज पर खड़े बच्चों को श्रेष्ठता की ओर प्ररित करें।
समापन सत्र में माउण्ट आबू के डीएफओ विजय शंकर पांडेय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ से लेकर हमारे देश के बाल कल्याण मंत्रलाय तक बहुत सारे कानून बने है। परन्तु बच्चों के कई परिप्रेक्ष्य में लागू नही हो पाते। हमें बच्चों के जीवन को सुरक्षित रखने और उसे सहेजने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज में फैले आसुरी प्रवृत्तियों का बच्चों पर पड़ते बुरे प्रभाव से बचने की सलाह दी।

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कार्यक्रम के समापन में बाल संरक्षा आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनिवाल ने सभी का धन्यवाद करते हुए सभी को प्रशस्ति पत्र वितरित करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।
बाल मन के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा: कार्यशाला के दौरान बाल मन पर पड़ते दुष्प्रभाव, उनके व्यक्तित्व में सुधार, बाल अपराध समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा कर उसके समाधान के तरीकों पर विचार विमर्श किया गया।
ध्यान योग, मेडिटेशन का भी आयोजन: इस सेमिनार के दौरान ध्यान योग मेडिटेशन भी कराया गया। जिसमें सभी लोगों ने बढ़ चढक़र हिस्सेदारी निभायी।
ये रहे उपस्थित: इस सेमिनार के दौरान राजस्थान राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य सचिव महेन्द्र सिंह, क्षेत्रिय निदेशक पवन पुनिया, बाल कल्याण समिति नागौर के अध्यक्ष मनोज सोनी, सिरोही बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष रतन बाफना, प्रकाश माली समेत कई लोग उपस्थित थे।