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आचार, विचार और व्यवहार से जिंदगी बना सकते है खुशहाल

कोरोना से बचाव विषय पर व्यक्त विचार

शिव आमंत्रण, दिल्ली। कोरोना जैसी महामारी से हम सभी स्वयं का बचाव किस प्रकार कर सकते हैं इसके बारे में खास जानकारी देने और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से दिल्ली के लोधी रोड सेवाकेंद्र द्वारा कोरोना से लडऩा है डरना नहीं है विषय पर ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में लंदन से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके चारू ने कोरोना से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए…..
दिल्ली में एम्स के पूर्व डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. पी के दवे ने स्वस्थ रहने के सुझाव देते हुए कहा, ब्रह्माकुमारीज के कन्सेप्ट बहुत अच्छे है और उसे हम अपनी जीवन में अपना कर जिंदगी खुशहाल बना सकते है। आचार, विचार और व्यवहार यह तीन चीजे जीवन में बहुत जरूरी है। टेन्शनवाली बाते ना सोचे ना करे। मन की विचारों से और बाहर की आचार से स्वच्छता रखेंगे तो इससे आपके शरीर को और मन को ऊर्जा मिलती है और आपका जीवन सुखमय होता जाता है।
लंदन से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके चारू ने कहा, जैसी हमारी सोच होगी वैसे हमारे संकल्प होंगे। वह संकल्प हमारे सारे शरीर पर भी प्रभाव डालते है और साथ में सारे वायुमण्डल में। जो भी हम संकल्प करते है वह वायुमण्डल मे फैलता है, वह मेरे साथ भी जाता है और जिसके बारे में या जिस देश के बारे में सोचती हूं वहां भी पहुंचता है। जैसे शरीर को चाहिए शुध्द आहार वैसे मन को भी चाहिए शुध्द, पॉजिटीव संकल्प।
सेवाकेंद्र के वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर बीके पीयूष ने कहा, कोरोना हमारे ऊपर हावी क्यों हो रहा है, क्योंकि हम खाली बैठे है। कहते भी है, खाली दिमाग और शैतान का घर। तो मुझे अपने मन को खाली नही रखना है। मुझे अपने मन को सदैव एंगेज रखना है। एंगेज रखना है अच्छे कामो मे। कुछ नया करिये। आप चाहो तो पुस्तक भी लिख सकते है। चाहो तो संगीत सुन सकते है, चाहो तो यु ट्युब पर देखकर कोई नया खाना बना सकते है। कितने सारे चॉईस है हमारे सामने अपने को एंगेज करने के लिए।
इस दौरान सेवाकेंद्र प्रभारी बीके गिरीजा ने सभी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और कहा, अगर हम अपने शरीर को ठीक करना चाहते है,हम अपने बीमारियों से लडना चाहते है तो सबसे पहली बात अपने संकल्प शक्ति को बढाना। जितना हम अपनी संकल्प शक्ति को बढायेंगे तो यही एक विल पावर का रूप ले लेता है।