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कोविड महामारी के काल में डॉक्टर्स, नर्सेस ने दी हुई सेवा है अमूल्य

डॉक्टर्स डेे पर ऑनलाइन राष्ट्रीय सेमिनार में व्यक्त विचार

शिव आमंत्रण, माउण्ट आबू। नेशनल डॉक्टर्स डेे पर पीस ऑफ माइंड चैनल तथा गॉडलीवुड स्टूडियो के संयुक्त तत्वाधान में ह्यूमन सर्विस टू मैनकाइंड विषय पर ऑनलाइन राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, मेडिकल प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक मेहता, टाटा मेमोरियल के निदेशक डॉ. राजन बडवे, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष़्ा डॉ. जे ए जयस्वाल, ग्लोबल हॉस्पिटल के चिकित्सा निदेशक डॉ. प्रताप मिडढा समेत कई चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हुए।जब राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस की बात हो तो निश्चित तौर पर देश और दुनिया में तेजी से बढ़ रही नयी नयी बीमारियों के रोकथाम पर चर्चा की जायेगी। इसी कड़ी में यह सम्मेलन कई मायनों में खरा उतरा और चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा, कि वर्तमान कोरोना काल में चिकित्सकों ने मानवता की सेवा में अपनी जान की बाजी लगाकर लाखों लोगों की जान बचायी। इसलिए ऐसी परिस्थितियों में सबको मदद करना चाहिए।

डॉ. प्रताप मिड्ढ़ा ने कहा, डॉ. विधान चंद्र रॉय का यह जन्म दिन भी है और उनकी पुण्यतिथि भी है। उन्होने जो त्याग किया, जो बलिदान दिया, जो लोगों की सेवा की वह अमूल्य है। अपनी जो आमदनी होती थी उसमे वह गरीब लोगों की सेवा करते थे। वह दयालू रहे, विशाल हृदयी रहे। लेकिन डॉक्टरों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पडता है। वह मुश्किले हमने देखी। कोविड काल में मरीजों की देखभाल करते करते सात सौ, आठ सौ डॉक्टर अपनी जान से हाथ धो बैठे। तो उनके सम्मान में उनको श्रध्दांजली देते है और उनके परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति भी व्यक्त करते है।

दादी रतनमोहिनी ने कहा, शिव बाबा जबकी सुप्रीम सर्जन है, उनकी याद में रहकर उनको अपना साथी बनाकर रखे तो हमारा मन सदा खुश रहेगा जिसका प्रभाव हमारे शरीर पर भी पडेगा। मन के साथ शरीर सदा ही तंदुरुस्त रहेगा।

मेडिकल प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक मेहता ने कहा, कोविड महामारी के काल में डॉक्टर्स, नर्सेस ने जो कार्य किया वह अमूल्य है। कितने सारे लोगों की जाने उन्होने बचाई। तीन करोड लोग इसके प्रभाव में आये थे और चार लाख लोगों ने अपनी जान गवाई है। जरूरत के समय पर डॉक्टरों ने मानवता की सेवा विश्वास से, निस्वार्थ भाव से की है। वह प्रशंसा के पात्र है।

डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक वी सेल्वामूर्ति, मेडिकल प्रभाग के सचिव डॉ. बनारसी लाल, माउण्ट आबू की राजयोग शिक्षिका बीके बिन्नी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, कि डॉक्टर को सेकण्ड गॉड कहते है। आज के विषम परिस्थिति में जहां लोग अपनी जान को बचाने मे लगे हुए है ऐसी परिस्थितियों में डॉक्टर्स अपनी जान की पर्वा किए बिना दूसरों की जान को बचाने में लगे हुए है ऐसे चिकित्सक, डॉक्टर्स, नर्सेस और पैरामेडिकल स्टाफ जितना सम्मान दे, जितना धन्यवाद करे, उनके लिए गर्व का अनुभव करे उतना कम है। मानव का जीवन अमूल्य है आज ज्यादा से ज्यादा बीमारियां मनोरोग से उत्पन्न होती है इसलिए इसे राजयोग ध्यान से दूर किया जा सकता है।

पद्मश्री डॉ. राजन बडवे ने कहा, जब आप किसी बच्चे को हवा मे उडाते हो तो वह डरने के बजाए उपर उडने का मजा लेता है, खुश होता है वैसे ही डॉक्टर के पास आने के बाद मरीज आपरेशन आदि बातों को डरता नही। कारण उसके मन मे हम अच्छे होने जा रहे है यह खुशी रहती है।
कार्यक्रम के अन्त में राजयोग की परिभाषा तथा उससे होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देते हुए ध्यान योग कराया गया।