सकारात्मक जीवन जीने के लिए 10 नई मान्यताएं/ बिलीफ (भाग 1)

सकारात्मक जीवन जीने के लिए 10 नई मान्यताएं/ बिलीफ (भाग 1)

एक बहुत ही महत्वपूर्ण विशेषता, जो परमात्मा को मनुष्य आत्माओं से अलग करती है, वह है परमात्मा ही एकमात्र ऐसी सर्वोच्च आत्मा है जो इस वर्ल्ड ड्रामा में रहते हुए भी सर्व इच्छाओं से पूरी तरह मुक्त हैं और सदा ऐसे ही रहते हैं। इसके अलावा हर आत्मा जो भी कर्म करती है, वह शांति, प्रेम, आनंद और शक्ति के गुण का अनुभव करने की इच्छा को पूरा करने के लिए ही करती है। क्यों कि हर आत्मा के जन्म और पुनर्जन्म की यात्रा शुरू करने से पहले, जब वह आत्माओं की दुनिया में रहती है, ये सभी गुण उसके मूल संस्कार होते हैं। लेकिन गलत मान्यताओं के आधार पर, सभी आत्माएं आज शांति, प्रेम, आनंद और शक्ति का अनुभव करने की अपनी इच्छा को पूरा करने के उद्देश्य से काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार और भी कई तरह के नेगेटिव कार्य करती हैं। लेकिन हमें यह एहसास नहीं होता कि, कैसे ये नेगेटिव कर्म आत्माओं को सकारात्मक गुणों के अनुभवों के करीब लाने के बजाय उनसे दूर ले जाते हैं।

हमारे परमपिता परमात्मा सर्व इच्छाओं से मुक्त हैं क्योंकि वह शांति, प्रेम, आनंद और शक्ति का सागर हैं। उनके पास हर आत्मा की इच्छाओं को पूरा करने का ज्ञान और शक्ति दोनों हैं। सर्वोच्च शिक्षक होने के नाते, वह हमारा मार्गदर्शन करते हैं, हमें सिखाते हैं कि, कौन से सही कार्य हमें शांति, प्रेम, आनंद और शक्ति के अनुभवों की हमारी इच्छाओं को पूरा करने में मदद कर सकते हैं, और कौन से कार्य हमें उनसे दूर ले जाते हैं। इसके अलावा, वह एकमात्र ही हैं जो हमें सिखाते हैं कि, हम उनसे कैसे जुडें जिससे ये इच्छाएं पूरी हो सकें, क्योंकि वह इन गुणों का सागर हैं और ये सभी गुण हमारी ओरिजिनल स्टेट में हमारे अंदर मौजूद हैं, और उनके साथ जुड़ने से हम फिर से इन गुणों से भर जाते हैं। तो परमात्मा के साथ संबंध जोड्ने से, उनसे आध्यात्मिक ज्ञान सुनते हैं और मेडी टेशन करना सीखते हैं, जिसके आधार पर हम सही मान्यताएं धारण कर सही कर्म करते हैं, जिससे हमारी कई जन्मों की स्थायी शांति, प्यार, खुशी और शक्ति की इच्छाओं को पूरा करने में वे हमारी मदद करते हैं।

हम सभी आने वाले कुछ दिनों के संदेशों में ऐसी ही 10 सामान्य गलत मान्यताओं पर चर्चा करेंगे और परमात्मा द्वारा बताये गये आध्यात्मिक सत्य भी जानेंगे।

(कल जारी रहेगा…)

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