
संबंधों को सुंदर बनाएं, अहंकार को त्यागें (भाग 2)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
प्रतिदिन जीवन में किया गया; हर एक कार्य, सोल (आत्मा) और रोल (भूमिका) के एक साथ मिल कर काम करने से संभव होता है। हालाँकि, यह एक आध्यात्मिक तथ्य है कि आत्मा ही मालिक है और रोल को क्रियान्वित करती है और आत्मा के बिना रोल कार्य नहीं कर सकता, फिर भी अपने दैनिक जीवन में कोई भी रोल/ भूमिका निभाते समय हम इस तथ्य को भूल जाते हैं और हमारा पूरा ध्यान, निभाये जाने वाले रोल पर ही रहता है और आत्मा की महत्ता को भूलकर, हम अपने जीवन में उस रोल की सफलता की संभावना को भी कम कर देते हैं। पर्सनल और प्रोफेशनल रोल निभाते समय, आत्मा और उसके विभिन्न पहलुओं पर, पोजिटीव रूप से ध्यान केंद्रित करने से, रोल में भी सोल-पावर भर जाती है और इसके विपरीत रोल निभाते समय, रोल और उसके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने से रोल-पावर भरती हैं। हमें रोल में सफलता प्राप्त करने के लिए सोल और रोल के बीच संतुलन और रोल पावर और सोल पावर, दोनों का संतुलित तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है। हमारे जीवन में रोल किसी भी प्रकार के हो सकते है, जैसे कि ऑफिस में एक प्रोजेक्ट पर एक महीने तक काम करना है, यह एक टेम्पररी रोल है जिसे आपको निभाना है। इसके अलावा और भी कई प्रकार के रोल आप अपने जीवन में निभाते हैं – जैसे कि अपने बच्चे का होमवर्क करवाना, पूरे परिवार के लिए भोजन तैयार करना, चेरीटी वर्क करना, अपनी शिक्षा पूरी कर एक अच्छी डिग्री प्राप्त करना, स्कूल या कॉलेज में अन्य गतिविधियों में भाग लेना, अपनी शरीर की देखभाल करना और अपने खान पान, व्यायाम और नींद आदि की अच्छी प्लांनिंग कर शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना।
ऊपर बताए गये, किसी भी रोल को निभाने में, इनमें से कुछ या सभी पहलू शामिल होंगे – आपका शरीर; कई तरह के कार्य; लोगों या रिश्तों में संबंध रखना; सोशल मीडिया, धन, टेकनोलोजी, समय और अन्य वस्तुएं, जो रोल निभाने के लिए जरुरी हैं उन सभी का भी ज्ञान रखना आदि। ये सभी पहलू फीजिकल हैं और रोल निभाने में मदद करते हैं। तो रोल के पहलुओं के पास जो शक्तियां होती है, उसे हम रोल- पावर कहते हैं। आईये अब देखते है कि ये कैसे कार्य करती हैं जैसे ही हम हर दिन या किसी विशेष दिन रोल में आते हैं, और हमारा पूरा उद्देश्य रोल को सफल करना होता है, लेकिन उसे प्राप्त करने के लिए, हम अपना पूरा ध्यान रोल-पावर पर रखते हैं लेकिन साथ ही अपनी सोल-पावर की अपार क्षमता को हम नेगलेक्ट करते हैं और अपने रोल की सफलता के लिए ऊपर बताई गई रोल से संबंधित सभी पहलुओं को व्यवस्थित करने में बहुत सारा समय और एनर्जी खर्च करते हैं, लेकिन हम ये नहीं समझते, कि यदि हमारा फोकस रोल के साथ साथ सोल-पावर का भी उपयोग करने में होता, तो यह उद्देश्य अधिक आसानी से प्राप्त किया जा सकता है, तो यहां जरुरी है कि रोल-पावर को नेगलेक्ट किये बिना, सोल-पावर को भी यूज करके उद्देश्य में सफलता प्राप्त करें।
अगले दो दिनों के संदेश में हम सोल- पावर के विभिन्न पहलुओं को जानेंगे।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
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