सफलता की राह पर 8 कदम (भाग 2)
आप अपनी सोच को सिर्फ एक मिनट का विराम देकर खुद से पूछें कि, जीवन का कोई लक्ष्य या उपलब्धि आपके लिए इतना अधिक मायने
ऐसी धारणा है कि कुछ ग्रहों, स्थानों, नंबर्स, रंगों, वस्तुओं, लोगों और या फिर कुछ दुष्ट मनुष्य-आत्माओं की एनर्जी और वाईब्रेशन जोकि साकार शरीर से परे; सूक्ष्म शरीर में मौजूद हैं हमारे जीवन में दुर्भाग्य लाते हैं। इसलिए, हमारा ये सोचना कि हम उनके नेगेटीव वाईब्रेशन के प्रभाव में आ जाएंगे और हमारे जीवन में भी नेगेटीविटी को आकर्षित करेंगे। अपशकुनों और अंधविश्वासों की ये भावनाएं हमारे मन में भीतर तक समाई हुई हैं। कभी-कभी कुछ वस्तुओं या घटनाओं को अपने अच्छे या बुरे भाग्य से जोड़ने से, हम अपनी परिस्थितियों में कमजोर महसूस करते हैं। आईये इनके प्रभाव से दूर रहने के तरीकों को जानें:
आप अपनी सोच को सिर्फ एक मिनट का विराम देकर खुद से पूछें कि, जीवन का कोई लक्ष्य या उपलब्धि आपके लिए इतना अधिक मायने
हम सभी एक ऐसा जीवन जी रहे हैं जहां हमें सुबह से लेकर शाम तक, अलग-अलग कई तरह के रोल निभाने होते हैं। हमारे द्वारा
हम सभी ने ये कहावत सुनी होगी कि, जैसा हम खाते हैं वही बन जाते हैं यानि कि जैसा अन्न वैसा मन। इसका सीधा मतलब
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
ज्वाइन पर क्लिक करने के बाद, आपको नियमित मेसेजिस प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप कम्युनिटी में शामिल किया जाएगा। कम्युनिटी के नियम के तहत किसी भी सदस्य को कम्युनिटी में शामिल हुए किसी अन्य सदस्य के बारे में पता नहीं चलेगा।