परमात्मा की 5 सुंदर विशेषताएँ
जिसे हर कोई परमात्मा मानता है – भारत में लोग बहुत से देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। भारत के बाहर विभिन्न धार्मिक प्रमुखों की अत्यधिक
मनसा सेवा यानि अपने मन द्वारा सभी आत्माओं को शुभ-भावनाएं और शुभ-कामनाएं रेडीएट करने की आसान तकनीक है जिसमें हम दूसरों को आध्यात्मिक स्वरूप व प्रकाश पुंज के रूप में देखते हैं। अब तक हम सभी जान चुके हैं कि, आत्मा एक आध्यात्मिक एनर्जी है, जो इस विश्व में निरंतर एनर्जी रेडीएट करती रहती है। इस तरह से, जब मैं दूसरे लोगों को स्वयं के आध्यात्मिक रूप के समान – मस्तक के बीचो-बीच आत्मा को एक चमकते हुए तारे के रूप को देखता हूं, तो मैं पवित्रता, शांति, प्रेम और खुशी के अपने ओरिजीनल गुणों को दूसरों में रेडीएट करता हूं। इस प्रकार हम दूसरों को सशक्त बनाते हैं। और ये प्रोसेस पूरे दिल से आत्मिक स्वरूप में टिककर विनम्रता के साथ करना चाहिए और साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि, ये दूसरा व्यक्ति मेरा आत्मा भाई है और हम सब एक आध्यात्मिक पिता- सर्वोच्च आत्मा माना परमात्मा की संतान हैं और हम दोनों उनके साथ एक समान बंधन में बंधे हुए हैं। एक ही पिता की संतान होने के साथ-साथ हमारे ओरीजीनल संस्कार या गुण भी एक समान हैं। हम सभी हर दिन बहुत सारे लोगों से मिलते हैं। तो, हमें उन्हें मस्तक के बीच पवित्र गुणों से भरपूर चमकते हुए आध्यात्मिक शक्ति के सितारे, आत्मा भाई के रूप में देखना है। इस प्रकार से हम अपने विजन द्वारा जो उन्हें देंगे, वे हमें वही वापस लौटाएँगे। क्योंकि हमारे परमपिता परमात्मा हम सभी को इसी दृष्टि से देखते हैं। उन्हें हमारे भौतिक शरीर और भूमिका का ज्ञान है, लेकिन वह हमेशा हमारे तारे जैसा शाश्वत रूप- आध्यात्मिक आत्मा को देखते हैं। हमारी फिजिकल वेशभूषा जिसे हम मानव शरीर कहते हैं और जो भूमिका हम निभाते हैं; वह टेम्पोरेरी है और बदलती रहती है।
लास्टली, कभी भी किसी व्यक्ति के लिए नकारात्मक सोच न रखें। कभी-कभी हमारी व्यस्तता दूसरों के लिए हमें नकारात्मक बना देती है, क्योंकि हमारे पास आत्मनिरीक्षण या स्वयं के अंदर झांकने का समय ही नहीं होता है। आजकल ज्यादातर लोगों को नकारात्मक मानसिकता रखने की आदत हो गई है, खासकर उस वक्त; जब हम अपने प्रियजनों या करीबियों से दूसरों के बारे में बात करते हैं। आम तौर पर हम कहते रहते हैं कि, फलाना व्यक्ति इतना अच्छा नहीं है, और हम दूसरे लोगों की किसी कमी- कमजोरी या उनके व्यवहार के किसी खास नकारात्मक तरीके के बारे में गपशप करते रहते हैं। और आजकल यह बहुत ही सामान्य बात हो गई है| इसके साथ ही जब हम ऑफिस से घर आते हैं तो अपने परिवार के सदस्यों के साथ, अपने ऑफिस में हुई सभी नकारात्मक बातों, वहां मौजूद सभी लोगों के नकारात्मक व्यवहार के बारे में बात करते हैं। लेकिन हमारे लिए ये जानना बहुत जरुरी है कि, फिजिकल लेवल पर हम दूसरो के बारे में जो भी बातचीत व चर्चा करते हैं, वह सबकुछ सूक्ष्म लेवल पर ट्रेवल करता हुआ उन तक पहुंचता है, जो फिर हमारे रिश्तों में बाधाएं पैदा करता है। इसलिए हमेशा अच्छा और सकारात्मक सोचें और हर समय दूसरों को सकारात्मकता की एनर्जी वाईब्रेट करें और बताए गये संदेशों के माध्यम से “सकारात्मक विचारो पर आधारित जीवन’ का आनंद लें।
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दशहरा पर आध्यात्मिक संदेश – 12 अक्टूबर (कल के आगे जारी) रामायण में यह दिखाया गया है कि जब श्रीराम, लक्ष्मण और सीता वनवास
दशहरा का आध्यात्मिक संदेश – 12 अक्टूबर दशहरा; बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है, जिसे श्रीराम और रावण के बीच के युद्ध
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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