आइए प्रेम और आनंद के दूत बनें (भाग 2)

December 20, 2023

आइए प्रेम और आनंद के दूत बनें (भाग 2)

  1. हमारा जीवन उपलब्धियों का एक समृद्ध संसार है जो हमें प्यार और आनंद का एहसास और अनुभव कराता है। जीवन में बहुत सी बातें, जिन लोगों के साथ हम समय बिताते हैं, हमारी शिक्षा, हमारा शारीरिक स्वास्थ्य, हमारा करियर, हमारा शारीरिक व्यक्तित्व, हमारी संपत्ति आदि। लेकिन खुशी का मतलब यह नहीं है कि ये सभी चीजें हमेशा सही ही होंगी। अगर देखा जाए तो यह सभी बातें हमारे जीवन में कभी अलग भी हो सकती हैं, हमेशा सबकुछ कंप्लीट नहीं होगा। इसलिए, हर दिन स्वयं से पॉजिटिव बातें करके इन सभी चीजों की नेगेटिविटी को अपने अंदर आत्मसात न करें। दूसरी ओर, अपने आंतरिक स्वभाव को दिव्यता, अपार प्रेम और आनंद से भरपूर बनाएं। परमात्मा की इच्छानुसार; हमें इस अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव से भरी दुनिया में सभी के लिए प्यार और खुशी के मैसेंजर बनना चाहिए। दुनिया में कई ऐसे लोग भी हैं जो हमसे ज़्यादा दुखी हैं और जिन्हें हमसे भी कम प्यार मिलता है, उन्हें अपने प्यार, देखभाल और मदद भरा हाथ दें। हमेशा लोगों से मिलते समय, याद रखें कि – मैं एक बहुत ही विशेष आत्मा हूं जो परमात्मा की अदृश्य संपत्ति; प्यार और खुशी की विरासत से भरपूर हूं। मैं जीवन के अलग अलग दृश्यों में स्टेबल रहूँगा और उन लोगों की मदद करूँगा जो अपने जीवन में आने वाले नेगेटिव सीन से अस्थिर या परेशान हैं।

 

  1. अपने कार्यस्थल और घर में “नो एंगर जोन” बनाएं: आजकल कॉरपोरेट वर्ल्ड के ऑफिसेस में ऐसे जोन बनाए जा रहे हैं जहां पर, पॉजिटिव थॉट्स; ईमेल या मोबाइल फोन चैट या सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किए जाते हैं और हर कोई अपने दिन की शुरुआत इन पॉजिटिव संदेशों के साथ करता है, जिससे दिन की एक अच्छी शुरुआत पॉजिटिविटी के साथ होती है। साथ ही, हर किसी को यह याद रहता है कि, वे नो एंगर जोन में हैं और इसे याद दिलाने के लिए, किसी भी माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है। और ऐसी जगह पर; गुस्सा होना, ज़ोर से बात करना, आक्रामक व्यवहार या बदला लेने का व्यवहार और दूसरों के बारे में नेगेटिव बातें करने की अनुमति नहीं है। इसे आप अपने कार्यालय में, घर में बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ इंप्लीमेंट कर सकते हैं। और फिर ऐसे क्षेत्र प्रेम और आनंद की जगह बन जाएंगे।

(कल भी जारी रहेगा…) 

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