
परमपिता परमात्मा: हमारे सर्वोच्च माता पिता
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
October 3, 2024
नवरात्रि (3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर) की रस्में हमारी दिव्यता को जगाने के बारे में बहुत कुछ कहती हैं। आइए, नवरात्रि के आध्यात्मिक अर्थ को समझें और अपनी आंतरिक शक्तियों का अनुभव करें:
(1) शिव और शक्ति का अर्थ है परमात्मा और आत्मा। देवी को एक कुमारी (अविवाहित) कहा जाता है, लेकिन उन्हें माँ (माता) के रूप में भी जाना जाता है और उन्हें राक्षसों का वध करने वाले शस्त्रों के साथ दिखाया गया है। जब मैं आत्मा (शक्ति) परमात्मा (शिव) से जुड़ती हूँ, तो मैं; पवित्रता (कुमारी), प्रेम (माता) और शक्ति (राक्षसों को मारने के शस्त्र) को प्रकट करती हूँ।
(2) शक्ति के 8 हाथ दर्शाते हैं कि हर आत्मा में 8 शक्तियाँ होती हैं- सहन करने की शक्ति, समायोजित करने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, परखने की शक्ति, निर्णय लेने की शक्ति, संकीर्णता की शक्ति, समेटने की शक्ति और सहयोग करने की शक्ति।
(3) शक्ति के 8 हाथों में शस्त्र दिखाए गए हैं, जो आत्मा की कमजोरियों और विकारों रूपी राक्षसों को खत्म करने के लिए, विवेक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
(4) उपवास या व्रत का अर्थ है “उप-वास”, यानी परमात्मा की याद में ऊपर रहना। व्रत का अर्थ है यह प्रतिज्ञा करना कि हम अपने विचारों, शब्दों और कर्मों में कोई भी अवगुण का उपयोग नहीं करेंगे। यह क्रोध, आलोचना, अहंकार और हमारी अन्य गलत आदतों का उपयोग न करने का व्रत है।
(5) सात्विक भोजन और पवित्रता– जो कुछ भी हम देखते हैं, पढ़ते हैं, सुनते हैं, बोलते हैं, खाते हैं और पीते हैं, वह उच्च ऊर्जा वाला होना चाहिए, जो आत्मा और शरीर की पवित्रता को बढ़ाए।
(6) जागरण माना अंधकार का समय जब हमारे मूल्यों में कमी हो और सही और गलत की अज्ञानता हो। जागरण का अर्थ है एक नए तरीके से सोचने और जीने के लिए जागरूक होना।
(7) रास या गरबा नृत्य – यह नृत्य का एक रूप है जहाँ एक व्यक्ति को अपने स्टेप्स को दूसरे व्यक्ति के साथ सामंजस्य में मिलाना होता है। यदि कोई कदम चूकता है तो चोट लग सकती है। असल में, यह हमारे रिश्तों का प्रतीक है, जहाँ हमें दूसरों के संस्कारों के अनुसार स्वयं को ढालना होता है, जिसे संस्कारों की रास कहा जाता है। यदि हम सहन करते हैं और समाते हैं, तो जीवन के रिश्ते एक खुशहाल नृत्य बन जाते हैं, अन्यथा वे संघर्ष में बदल सकते हैं।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
ज्वाइन पर क्लिक करने के बाद, आपको नियमित मेसेजिस प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप कम्युनिटी में शामिल किया जाएगा। कम्युनिटी के नियम के तहत किसी भी सदस्य को कम्युनिटी में शामिल हुए किसी अन्य सदस्य के बारे में पता नहीं चलेगा।