खुशियों को सही तरीके से जीना (भाग 1)

June 11, 2024

खुशियों को सही तरीके से जीना (भाग 1)

हमारे जीवन का एक बहुत महत्त्वपूर्ण और प्रभावशाली पहलू; जो हमारे जीने के तरीक़े को डिफाइन करता है वो है उम्मीद और दृढ़संकल्प। जीवन की सफलता बड़े पैमाने पर इन दो शक्तियों पर निर्भर करती है। अक्सर हम सभी देखते हैं कि किसी कठिन परिस्थिति का प्रभाव कुछ लोगों पर इतना अधिक पड़ता है कि उसके बाद वे विश्वास ही नहीं कर पाते हैं कि वे जीवन में कभी भी सफल हो सकते हैं। उदहारण के लिए; एक बहुत सफल इंसान अचानक से बीमारी पड़ जाता है या किसी करीबी रिश्तेदार को खो देता है या अचानक से उसे कोई आर्थिक नुकसान हो जाता है, तो हम देखते हैं कि इस तरह की या इससे मिलती जुलती घटनाओं से लोगों का आत्मविश्वास कमज़ोर हो जाता है जिसके चलते भविष्य में होने वाले एक्शन भी प्रभावित होते हैं। साथ ही, संसार में कुछ ऐसे भी केसेज हैं जहां लोगों के जीवन में घटित हुई किसी नेगेटिव घटना ने उनके पूरे जीवन को ही बदल दिया। आज के संसार की सत्यता है कि ज्यादातर लोग अपने जीवन में किसी न किसी नकारात्मक परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। ये परिस्थितियाँ या तो उनके मन की हैं, उनके शरीर की हैं या फिर उस रोल की जो वे निभा रहे हैं और उससे भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण ये उनकी पर्सनल या प्रोफेशनल लाइफ से संबंधित हो सकती हैं।

 

ऐसे में हम देखते हैं कि आशा और दृढ़ संकल्प ही वे दो शक्तियां हैं जो हमें जीवन की इन परिस्थितियों का सामना करने के लिए ज़रूरी हैं और आजकल ज्यादातर लोगों के अंदर इन शक्तियों की कमी है। हालांकि, आज दुनिया कई मायनों में आगे बढ़ रही है, लेकिन लोग जीवन में लगातार बढ़ने वालों नकारात्मक परिस्थितियों का सामना करने के लिए आंतरिक रूप से सशक्त नहीं हैं। इसके अलावा, लोग अपने नेगेटिव थॉट्स, फीलिंग्स और इमोशंस को भी कंट्रोल करने में सक्षम नहीं हैं और नाही उन्हें पॉजिटिव रख पाने में। हममें से कई लोग ये मानते हैं कि जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है और सुख और दुख दोनों ही जीवन के हिस्से हैं। परंतु आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार; दुख का अनुभव हमारी इनर पॉवर और स्टेबिलिटी की कमी को दर्शाता है। हमें ये याद रखना चाहिए कि, खुशी हमारे मन की बिल्कुल नेचुरल स्टेट है, जिसे हम पसंद करते हैं और हर पल महसूस करना चाहते हैं।

(कल जारी रहेगा…)

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