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खुशियों को सही तरीके से जीना (भाग 2)

June 12, 2024

खुशियों को सही तरीके से जीना (भाग 2)

आजकल कुछ लोगों के लिए खुशियां; मेटेरियलिज्म, विज्ञान एवं तकनीक के अलग-अलग माध्यमों का आनंद लेने पर ज्यादातर आधारित है। क्या आप जानते हैं इस तरह की खुशी के दो पहलू होते हैं। जब जीवन में सबकुछ अच्छा चल रहा है मतलब किसी भी प्रकार की नकारात्मक परिस्थितियां आपके जीवन में नहीं हैं, तब आप महसूस करेंगे जैसे कि आप दुनिया के शीर्ष पर हैं। लेकिन जैसे ही कोई छोटी सी भी नकारात्मक घटना होती है, माना घर में अशांति होना, स्वास्थ्य में थोड़ा ऊपर नीचे होना या आपके किसी मित्र का कोऑपरेट न करना और आपसे अच्छी तरह से बात न करना आदि, तब वही विज्ञान और तकनीक के साधन भी अब आपको सपोर्ट नहीं कर सकते। ऐसे में आप खुद को अंदर से खाली महसूस करेंगे। ये खुशी की गलत बुनियाद है। वहीं दूसरी ओर, सच्ची खुशी वो है जो आपकी शक्तियों और गुणों पर आधारित हो, परमानेंट हो, चाहे भले ही हमारे जीवन में कभी-कभार कोई नकारात्मक घटनाएँ हों, जोकि आजकल एक बहुत आम बात है। आइए, अब किसी ऐसे व्यक्ति को ढूँढने का प्रयास करें जिसके जीवन में सब कुछ पॉजिटिव हो, यकीन मानिए आपको ऐसा एक भी व्यक्ति नहीं मिलेगा जिसके जीवन में कोई समस्या या परेशानी न हो।

 

इसके अलावा, आज संसार एक गलत धारणा में जी रहा है कि वैज्ञानिक प्रगति के कारण, बेहतर चिकित्सा सेवाओं के चलते या ज्यादा धन संपदा होने के कारण खुशी बढ़ रही है। हमें ऐसा लग सकता है, पर ये बिल्कुल टेंपरेरी है। क्या आज संसार में बहुत सारे लोग या वास्तविक रूप से कहें तो एक बड़ी संख्या में लोग, दर्द या दुख में नहीं हैं? बल्कि सच्चाई तो ये है कि, आजकल बहुत धनवान, ज़्यादा प्रसिद्ध, सबसे ज़्यादा शिक्षित और एडवांस लोग ही आध्यात्मिक ज्ञान और मेडिटेशन की तरफ जा रहे हैं ताकि अपने जीवन की परेशानियों से राहत पा सकें। वे अमीर और प्रसिद्ध होने के साथ ही, भौतिक रूप से सफल होने के कारण आने वाले प्रेशर से भी मुक्त होना चाहते हैं।

(कल जारी रहेगा…)

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