खुशियों को सही तरीके से जीना (भाग 3)

June 13, 2024

खुशियों को सही तरीके से जीना (भाग 3)

ख़ुशी हमारे मन की एक अवस्था है न कि बाहरी प्रभावों पर आधारित कोई चीज़। माना कि आप एक बड़ी खुशखबरी सुनते हैं कि- आपको अपने ऑफिस में प्रमोशन मिला है! यह सुनकर आपको बहुत अच्छा लगता है और ख़ुशी भी मिलती है, देखा जाए तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन जब हमारी खुशी ऐसी घटनाओं पर निर्भर होने लगती है, तब हमारी खुशी का आधार ही गलत है। क्योंकि एक पॉजीटिव खबर सुनने के बाद, मान लीजिए एक दिन आपको बताया जाता है कि आपकी पसंदीदा टीम एक बेहद मशहूर टूर्नामेंट का फाइनल हार गई है, तो जब आप अपनी टीम को हारते हुए देखते हैं और अचानक से आपकी ख़ुशी खो जाती है। इसलिए, पॉजीटिव इवेंट्स को एन्जॉय करें, लेकिन यह सोचना कि लाइफ आपकी खुशी को कम करने के लिए कोई नेगेटिव इवेंट लाएगी ही नहीं तो आपकी खुशियों की सोच गलत नींव पर खड़ी है।

 

तो खुश रहने का सही तरीका क्या है? जीवन आपको जो भी दे, उसे एन्जॉय करें। सभी चीजें अच्छी हैं लेकिन उन्हें अपनी खुशियों का आधार न बनाएं। इसके साथ ही, यदि आप आध्यात्मिक सिद्धांतों के अनुसार सच्चे और आंतरिक रूप से खुश हैं, तो आपके जीवन में कभी-कभार होने वाली नकारात्मक घटनाएं या सड़क पर चौंकाने वाली दुर्घटनाएं, अचानक धन की हानि भी आपको परेशान नहीं करेगी। निरंतर खुशी किसी भी व्यक्ति के आंतरिक आध्यात्मिक खजाने; शांति, प्रेम, ज्ञान और शक्ति को बढ़ाने से आती है, न कि बाहरी घटनाओं से। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बाहरी घटनाएं आपको खुश नहीं करेंगी। आप उनसे जरूर खुश होंगे, लेकिन साथ ही आप जीवन में आने वाले उतार-चढ़ावों से भी नियंत्रित नहीं होंगे। और इन सुंदर आंतरिक खजानों को बढ़ाने से, जीवन में कोई भी नकारात्मक परिस्थिति आने पर भी आप खुश रह पाएंगे। तो सच्चे मायनों में, खुशी को सही तरीके से ऐसे ही जिया जाता है!

नज़दीकी राजयोग सेवाकेंद्र का पता पाने के लिए

05th oct 2024 soul sustenence hindi

धन के साथ दुआएं भी कमाएं

धन कमाना जितना ज़रूरी है उतना ही उस धन से शारीरिक सुख-सुविधाएं खरीदना भी। लेकिन धन केवल एक मुद्रा नहीं है, बल्कि यह एक ऊर्जा

Read More »