आपकी इच्छाशक्ति आपकी सबसे बड़ी ताकत है
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
May 28, 2024
आज रिश्तों के नाजुक होने का एक बड़ा कारण है कि, जिन लोगों के साथ हम रहना चाहते हैं उनके लिए हम ज़्यादा सिलेक्टइव होते जा रहे हैं। यदि हमें किसी का व्यवहार असहज महसूस होता है, तो हम एडजस्ट करने या उनकी मदद करने के बजाय उनसे दूर होने या पीछे हटने लगते हैं और हमारी ये आदत हमारे प्यार, उनके साथ शेरिंग और केयरिंग को रोकती है। हम सभी जानते हैं कि कुछ समय पहले की ही बात है जब हमारे यहां जॉइंट फैमिली का कल्चर था, जहां तीन से चार पीढ़ियों के 20-25 लोग एक साथ, एक ही छत के नीचे रहते थे। और जब भी हमारे स्वभाव, संस्कार या आदतों में डिफरेंसेज होते थे, तो हम खुद को ढालते या एडेप्ट करते थे। लेकिन आज आपस में छोटे-छोटे डिफरेंसेज के चलते, हम लोगों से पीछे हटने लगे हैं या अवॉइड करने लगे हैं। आइए इसी से जुड़ी कुछ बातों को जानें:
1.प्रतिदिन मेडिटेशन का अभ्यास और आध्यात्मिक ज्ञान की स्टडी करने से हम खुद को सशक्त बनाते हैं और हमारा आत्म-सम्मान भी बढ़ता है। ऐसा करने से, दूसरों को स्वीकार करना और अलग-अलग व्यक्तित्व के लोगों के साथ एडजस्ट करना आसान हो जाता है।
2.जब किसी का व्यवहार हमें असहज लगता है, तो ये आवश्यक है कि, हम उनके स्वभाव और उसके पीछे के दर्द को समझने की कोशिश करें। लोग जानबूझकर आपको चोट पहुंचाने या फिर हेर-फेर नहीं करना चाहते हैं, बल्कि वे खुद अपनी आदतों, मान्यताओं और बिलीफ सिस्टम का शिकार होते हैं। ऐसे में, हमारी समझ ही उनके प्रति सहानुभूति को दर्शाती है।
3.जब आप किसी बात से हर्ट हो जाएं, ऐसे में अपने मन को सलाह दें कि, ये उनका स्वभाव है। जो मेरे लिए स्वाभाविक है, वो उनके लिए मुश्किल हो सकता है। मैं अतीत को भुलाकर आगे बढ़ता हूँ, अपने और उनके रिलेशन को हील करता हूँ। ये उनके प्रति हमारा करुणाभाव दर्शाता है।
4.सहानुभूति और करुणा के साथ आप उनके प्रति प्योर थोट क्रिएट करते हैं। जिसके कारण पीछे हटने का कोई भी मार्जिन नहीं रहता और आप उन्हें स्वीकार करने और उनके साथ रहने का अपना हर संभव प्रयास करते हैं।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
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