
परमात्म साथ से जीवन को बदलने वाले 5 लाभ (भाग 4)
जानिए कैसे “परमात्म साथ” से हमारी आत्मिक शक्तियाँ बढ़ती हैं और हम जीवन की नकारात्मकता से ऊपर उठकर आंतरिक रूप से मज़बूत बन सकते हैं।
November 25, 2023
हमारे जीवन में हमेशा कोई न कोई ऐसा शख्स होता है, जिसके साथ हम असहज या अनकंफर्टेबल महसूस करते हैं और वे अक्सर कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं या फिर हमें ऐसा लगता है कि वे कुछ तो कर रहे हैं, जिससे हमें परेशानी हो सकती है। इस प्रकार से उनके स्वभाव को स्वीकार करने के बजाय, हम खुद ही उनके स्वभाव और उससे रिलेटेड कार्यों से बार-बार प्रभावित होते रहते हैं, हालाँकि कई बार चाहे उनका ऐसा करने का इरादा ना भी हो। इन सभी बातों में अगर हमारे रिएक्शंस हम तक ही रहें तो इन नकारात्मक भावनाओं का प्रभाव सीमित होगा और वे केवल हमारे लिए ही चुनौती पैदा करेंगे, लेकिन अक्सर ये भावनाएँ हमारे अंदर निगेटिव एक्शन और रिएक्शन का एक चक्र शुरू कर देती हैं, जिससे फिर ये हार्मफुल भावनाएँ उस दूसरे व्यक्ति तक पहुँचती हैं। इस नेगेटिव एनर्जी को रिसीव करने के बाद वो व्यक्ति हमें नेगेटिव समझना शुरू कर देता है और उसी तरह से रिएक्शन देता है या हमारे बारे में सोचता है और इस तरह से हमारे और उस व्यक्ति के बीच एक “इमोशनल शीत युद्ध” शुरू हो जाता है। और ऐसे ही समय-समय पर एक दूसरे के साथ नकारात्मक विचारों, भावनाओं, दृष्टिकोण, बोल और कर्मों का आदान-प्रदान होने से हम आपस में नेगेटिव कार्मिक अकाउंट और बंधन से बंध जाते हैं। और इन्हीं भावनाओं के साथ यह नेगेटिव अकाउंट्स और अधिक मजबूत होते जाते हैं। ऐसे सिनेरियो में, अगर हममें से कोई भी फिजिकल या नॉन फिजिकल लेवल पर सकारात्मक तरीके से एक्शन या रिएक्शन देता है, लेकिन ऐसा करने पर भी नेगेटिव बॉन्डेज को तोड़ने और रिश्ते को सकारात्मक बनाने में बहुत कम मदद मिलती है, क्योंकि थोड़ी सी पॉजिटिविटी के साथ बहुत सारी निगेटिविटी भी जुड़ी होती है, इसलिए नकारात्मकता थोड़ी सी कम हो सकती है लेकिन इसके प्रभावों को पूरी तरह से दूर नहीं किया जा सकता है।
तो, हम नेगेटिव एनर्जी के एक्सचेंज के इस दुष्चक्र को कैसे तोड़ें? इसके लिए अगले कुछ दिनों के संदेश में हम इससे संबंधित कुछ तरीकों पर चर्चा करेंगे।
(कल जारी रहेगा)
जानिए कैसे “परमात्म साथ” से हमारी आत्मिक शक्तियाँ बढ़ती हैं और हम जीवन की नकारात्मकता से ऊपर उठकर आंतरिक रूप से मज़बूत बन सकते हैं।
हम अक्सर इंद्रियों के सुखों के पीछे भागते हैं, लेकिन सच्चा आनंद तो परमात्मा के साथ से मिलता है। ईश्वर हमें दुनियावी सुखों से नहीं रोकते, बस इतना कहते हैं — मुझे मत भूलो। इस भाग में जानिए, कैसे ईश्वर से जुड़ाव जीवन को देता है नई दिशा, स्थायी संतोष और गहराई।
ईश्वर से जुड़ना सिर्फ़ शांति ही नहीं, बल्कि सुंदर भाग्य भी देता है। जानिए कैसे परमात्मा से जुड़कर हर क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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