
हमेशा कहें मैं करूँगा नाकि……..मैं कोशिश करूँगा
‘मैं करूँगा’ कहें, ‘मैं कोशिश करूँगा’ नहीं। सोच और शब्दों की पॉजिटिव एनर्जी सफलता को आकर्षित करती है। आज से अपने शब्द बदलें।
November 26, 2023
किसी भी व्यक्ति के साथ नेगेटिव एनर्जी के आदान-प्रदान के चक्र को तोड़ने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है; सेल्फ ट्रांसफॉर्मेशन (आत्म-परिवर्तन)।
सेल्फ ट्रांसफॉर्मेशन का सबसे बेसिक रूल है कि, किसी भी व्यक्ति के लिए मौखिक रूप या वर्बली शब्दों द्वारा कोई रिएक्शन नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन अगर मैं किसी व्यक्ति से मिली नेगेटिव एनर्जी के बारे में नेगेटिव भाव, दृष्टि, शब्द और कार्य के माध्यम से दूसरों लोगों के साथ करता हूं तो पूरे माहौल को नेगेटिव बनाता हूं। इससे दूसरों के मन में भी उस व्यक्ति के प्रति नकारात्मक धारणाएं जन्म लेती हैं। अक्सर ऐसे मामलों में, नुकसान शारीरिक स्तर पर होता है और जिसे कंट्रोल करने में कभी-कभी बहुत देर हो जाती है, क्योंकि इन बातों के द्वारा रिश्ते पहले से ही खराब हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिन लोगों के साथ हम ये “नेगेटिव इनफॉर्मेशन” शेयर करते हैं, और फिर ये जानकारी वे दूसरों के साथ शेयर करते हैं और कभी-कभी यह इनफॉर्मेशन उस व्यक्ति तक भी पहुंच जाती है जिसके बारे में हम सोचते हैं और बात करते हैं कि हमें उनके द्वारा ही नुकसान पहुंचाया गया है।
आत्म परिवर्तन का दूसरा और थोड़ा गहरा लेवल है जहां मैं रिएक्ट नहीं करने के साथ साथ मैं उस व्यक्ति के बारे में किसी से भी बात नहीं करता, यहां तक कि उन लोगों से भी नहीं जो कि मेरे करीबी हैं। लेकिन मैं उस व्यक्ति के बारे में अपने मन में नेगेटिव सोच नहीं दूर कर पाता हूं। इस स्थिति में, डैमेज थोड़ा कम हो जाता है लेकिन फिर भी, अनजाने और अनदेखे रूप से, फिजिकल आंखों और कानों के पीछे यह चलता ही रहता है, क्योंकि मेरे विचार और भावनाएं पूरी तरह से मेरे नियंत्रण में नहीं हैं। मैं कोशिश करके उन्हें एक डायरेक्शन में फोकस करने की कोशिश करता हूं क्योंकि ऐसी सोच या भावनाएं रखना आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार गलत है – कभी-कभी स्वेच्छा से और कभी-कभी अनजाने में; आंतरिक शक्ति की कमी के कारण हमारे विचार उसी नेगेटिव डायरेक्शन में चले जाते हैं। फिर ये “नकारात्मक विचार और भावनाएँ” सूक्ष्म स्तर पर दूसरे व्यक्ति तक पहुँचती हैं, जिससे उस व्यक्ति के साथ हमारे रिलेशन को नुकसान पहुँचता है।
आत्म परिवर्तन का तीसरा और सबसे गहरा लेवल है जहां मैं अपने “विचारों और भावनाओं” की क्वॉलिटी को बदलने की शक्ति अपने अंदर विकसित करता हूं। मैं भावनात्मक रूप से इतना सशक्त महसूस करता हूं कि, अपने चरित्र के उस दोष (कमजोरी) को दूर कर सकूं जो मेरे रिएक्शंस में आकर मुझे परेशान करती थी या दुख पहुंचाती थी, अब से ऐसा नहीं होगा। साथ ही, ऐसा करने से हमारे रिश्ते भी सिक्योर एंड सेफ रहते हैं, जो कि हर किसी की चाहना होती है। इस प्रोसेस में समा लेने और आत्म-परिवर्तन की शक्ति है, जो अपने श्रेष्ठ स्वरूप में रहकर, दूसरों के साथ नेगेटिव एनर्जी के आदान-प्रदान को रोकने की क्षमता रखती है।
(कल भी जारी रहेगा…)
‘मैं करूँगा’ कहें, ‘मैं कोशिश करूँगा’ नहीं। सोच और शब्दों की पॉजिटिव एनर्जी सफलता को आकर्षित करती है। आज से अपने शब्द बदलें।
हम हर दिन ऊर्जा का लेन‑देन करते हैं—विचार, भावनाएँ, कर्म। अगर इसमें आध्यात्मिक समझ और प्रेम शामिल करें, तो रिश्तों की गुणवत्ता सुधरती है। लेकिन अधिक लगाव से अपेक्षाएं बनती हैं, जो दुख और तनाव लाती हैं। सीखें संतुलन से जुड़े रहना।
अच्छी ऊर्जा पाने के लिए खुद को बदलना जरूरी है। जानिए कैसे आत्म-सुधार और सहानुभूति रिश्तों में सकारात्मकता लाती है।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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