सभी को अनकंडीशनल प्यार दें

January 21, 2024

सभी को अनकंडीशनल प्यार दें

इस वर्ल्ड ड्रामा में हम सभी बहुत विशेष आत्माएं हैं। परमात्मा के बहुत प्यारे बच्चे होने के कारण, हम सभी एक दूसरे से आध्यात्मिक रूप से प्रेम करते हैं और इस विश्व की अरबों आत्माएं परमात्मा की डिवाइन फैमिली का हिस्सा हैं। परमात्मा हमारे सुप्रीम माता और पिता हैं और प्यार के सागर हैं। हर पल वे अपना यह अमूल्य प्यार हमारे जीवन पर बरसा रहे हैं। उनके बच्चे होने के नाते, हमें न सिर्फ परमात्मा से बल्कि इस ग्रह की सभी आत्माओं से प्यार करना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि, किस तरह हम सभी से प्रेम कर सकते हैं।

 

1.सभी से मुस्कुराहट और अभिवादन के साथ मिलें- हर दिन हमारी मुलाकात अलग- अलग व्यक्तित्व के लोगों से होती है, जिनमें कुछ पॉजिटिव तो कुछ नेगेटिव व्यक्तित्व वाले होते हैं। इसलिए हमें ये कोशिश करनी चाहिए कि, हम किसी से भी मिलें उन्हें अपनी विनम्रता की मुस्कान तोहफे के रूप में दें और पॉजीटिव शब्दों द्वारा अभिवादन करें। साथ ही, सामने वाली आत्मा को अच्छी और स्नेहभरी दुआएं दें।

 

2.सभी को एक प्यारी आत्मा देखते हुए उनकी सफलता के लिए दुआएं दें- प्रतिदिन हम सबसे अच्छी चीज़ ये कर सकते हैं कि, जब हम किसी से भी मिलें तो उनकी अच्छाइयों को देखें और उनको दुआएं दें। क्योंकि जब हम उनके लिए अच्छा सोचते हैं, दुआएं देते हैं तो वे भी हमारे लिए अच्छा सोचते हैं और इससे हमारा आपसी प्यार बहुत तीव्रता से बढ़ता है।

 

3.सभी को अपनेपन की भासना दें – यूं तो हम सभी परमात्मा की संतान हैं, पर फिर भी संसार की सभी मनुष्य आत्माओं का परमात्मा के साथ गहरा सम्बन्ध नहीं है। इसके लिए हमारी जिम्मेदारी है कि, जो भी हमसे मिले, उन्हें हमसे परमात्मा के अपनेपन की भासना महसूस हो और हम सभी को परमात्म स्नेह और सहयोग दें और सभी का ध्यान रखें।

 

4.प्यार दें-प्यार पाएं और पॉजिटिव रिश्ता बनाएं- कभी-कभी कुछ आत्माओं से हमें प्यार और खुशी नहीं मिलती, क्योंकि वे हमें पसंद नहीं करते। ऐसे में हमें उनकी नेगेटिव वाइब्रेशंस को एब्जॉर्ब नहीं करना चाहिए बल्कि खुद की पॉजिटिव वाइब्रेशंस से उन्हें बदलने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि हमारा इन आत्माओं के साथ गहरा रिश्ता, उन्हें भी लवफुल बनाता है।


5.प्रतिदिन हर किसी के साथ परमात्मा के गुणों को साझा करें- परमात्मा गुणों के सागर हैं। जब हम अपनी जीवन यात्रा में उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को सुनते हैं और उन्हें निरंतर याद करते हैं तब हमभी उनके गुणों से भरते जाते हैं। हमें प्रतिदिन अपने परिवार, सोशल और प्रोफेशनल सर्कल के लोगों के साथ परमात्मा के कम से कम एक गुण को अवश्य साझा करना चाहिए।

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