रिश्तों में कटाक्ष (ताने) देने की आदत से बचें
जब हम भावनात्मक रूप से आहत या दुखी होते हैं, तो हम अक्सर दूसरों को ताने वा कटाक्ष मारते हैं ताकि हम खुद को बेहतर
October 1, 2023
वर्ल्ड ड्रामा एक ऐसा नाटक है जिसे सभी आत्माएं पृथ्वी ग्रह पर अवतरित होकर खेलती हैं और जिसके चार चरण वा युग होते हैं – सतयुग या स्वर्ण युग, त्रेतायुग या रजत युग, द्वापर युग या ताम्र युग और कलियुग या लौह युग। आत्मायें अनादि हैं इसलिए यह ड्रामा भी अनादि है, बार-बार रिपीट होता रहता है और आत्माएं अनेक जन्मों के चक्र में आकर अलग-अलग भूमिकाएं निभाती रहती हैं। इसके अलावा, इस नाटक में सबसे सुंदर रोल परमपिता परमात्मा द्वारा कलियुग के अंत में निभाया जाता है। एक वह ही है जो कलियुग को सतयुग में बदल देता है और सभी आत्माओं/ प्रकृति को फिर से “सकारात्मक और शुद्ध आध्यात्मिक ऊर्जा” से भर देता है, और ये नाटक एक बार फिर से नए सिरे से शुरू होता है। तो आएं देखें कि, नाटक में इस समय हम कहाँ पर हैं? हम सभी उस समय पर आ पहुंचे हैं, जब परमात्मा इस नाटक में अपनी भूमिका निभा रहे हैं यानि कि सतयुग की स्थापना के निर्माण का कार्य कर रहे हैं। चार युगों के नाटक के ये अंतिम क्षण हैं। तो आइए जानें कि, इस समय हमें क्या करना चाहिए?
जब हम भावनात्मक रूप से आहत या दुखी होते हैं, तो हम अक्सर दूसरों को ताने वा कटाक्ष मारते हैं ताकि हम खुद को बेहतर
नवरात्रि (3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर) की रस्में हमारी दिव्यता को जगाने के बारे में बहुत कुछ कहती हैं। आइए, नवरात्रि के आध्यात्मिक अर्थ को
हर स्तर पर खुशी का अनुभव तब किया जा सकता है जब हमारा जीवन सुंदर रिश्तों के खजाने से भरपूर हो। आपके सबसे नजदीकी व्यक्ति
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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