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खेलेगा इंडिया तो जीतेगा इंडिया – Gwalior(MP)

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की भगिनी संस्थान राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के स्पोर्ट्स प्रभाग के द्वारा “आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर “खेलेगा इंडिया जीतेगा इंडिया” का आयोजन किया गया । यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय “टग ऑफ वार डे” के उपलक्ष में विशेष रूप से स्थानीय सेवा केंद्र ओल्ड हाई कोर्ट स्थित संगम भवन में आयोजित किया गया । जिसमें खेल जगत से जुड़े हुए विशिष्ट महानुभावों ने अपने अनुभव व्यक्त किए । कार्यक्रम में विशेष रूप से किस प्रकार से हम जीतने का दृष्टिकोण अपने जीवन में धारण कर सकते हैं इस बारे में हमारे विशेषज्ञों ने अनेक प्रकार के टिप्स दिए ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईटीएम यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स एजुकेशन के डीन डॉ प्रोफेसर कपिल दवे जी ने कहा कि हमारे जीवन को स्वस्थ रुप से आगे बढ़ाने के लिए खेलकूद का बहुत ही महत्व है । यहां तक कि अगर हम इस महामारी के समय पर देखें तो वह भाई बहने जो कि शारीरिक रूप से एक्टिव थे उन्हें इस महामारी ने कम प्रभावित किया । इसी तथ्य को सामने रखते हुए हमें स्पोर्ट्स को अपने जीवन में विशेष स्थान देना चाहिए, जैसे हम और चीजों को महत्व देते हैं । रिसर्च में यहां तक भी देखा गया है कि जो माताएं खेलकूद में ध्यान देती हैं तो उनके होने वाले बच्चे भी शारीरिक मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्पोर्ट्स प्रभाग के नेशनल कोऑर्डिनेटर बी के राजयोगी डॉ जगबीर सिंह भाई जी ने अपने अनुभव व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे मानसिक संतुलन का खेल में संतुलित रूप से खेलने के लिए एवं अपनी विजय प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है । आपने अपने पिछले अनुभवों के आधार पर कई खिलाड़ियों के साथ किए गए प्रयोगों का वर्णन करते हुए बताया कि इस प्रकार से सकारात्मक चिंतन जिसमें-
1- मेडिटेशन
2- विजुलाइजेशन
3- सकारात्मक एफर्मेशन
4- सेल्फ टॉक और
5- साइलेंस
इन पांचों टूल्स का उपयोग करके हम अपने परफॉर्मेंस में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं । आपने ब्रह्मा कुमारीज ग्वालियर का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज के इस अंतरराष्ट्रीय टग ऑफ वॉर डे पर इस प्रकार का आयोजन किया । अपने कहा कि हमारी आदरणीय दादी जी और शशि दीदी जी भी हमारे पीस पार्क हेड क्वार्टर में सभी भाई बहनों को टग ऑफ वार खेल खिलाते हैं ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एम पी व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कैप्टन श्री कबीर सिंह भदोरिया ने अपने अनुभवों को व्यक्त करते हुए कहा कि एक समय ऐसा होता था जबकि पैरा स्पोर्ट्स इतने प्रचलित नहीं थे परंतु आज के समय पर सरकारें इस ओर ध्यान दे रही है जिस वजह से कई भाई बहने बहुत इस ओर अग्रसर हो रहे हैं और अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं । तो हमें इन स्पोर्ट्स को अपने जीवन में धारण करते हुए उमंग उत्साह के साथ अपने परफॉर्मेंस अच्छे से अच्छा करने का लक्ष्य में जीवन में रखना है । अपने माइंड और बॉडी को फिट रखने के लिए स्पोर्ट्स बहुत जरूरी है ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर्मी ऑफिसर कर्नल डॉ. अरविंद झा जी ने कहा कि सकारात्मक चिंतन का और राजयोग का बहुत ही सकारात्मक प्रभाव हमारे खेल के परिणामों पर पड़ता है इसके अभ्यास से हम मनचाहे परिणाम अपने खेल के परफॉर्मेंस में प्राप्त कर सकते हैं । आपने कहा कि जगबीर भाई जी के साथ कई ओलंपिक्स में आपने खिलाड़ियों के लिए सकारात्मक चिंतन की ट्रेनिंग दी है और आप इसके सकारात्मक प्रभावों से भलीभांति परिचित हैं । आपने अपनी सेवाएं भविष्य में भी संस्थान को प्रदान करने के लिए कहा कि खिलाड़ियों के लिए जिस भी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता हो वह हमेशा इस बारे में तत्पर है ।
इसके पश्चात संस्थान के युवा भाईयों ने मिलकर रस्साकशी अथवा टग ऑफ़ वॉर का आनंद भी लिया । जिसमें एक टीम फरिश्ता और दूसरी महावीर टीम थी, जिसमें टीम फरिश्ता ने इस खेल को जीतकर आदरणीय दीदी जी से सम्मान भी प्राप्त किया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि हमारे जीवन में स्पोर्ट्स चाहे वह किसी भी प्रकार का हो उसका होना अति आवश्यक है, ताकि हम शारीरिक रूप से जागरूक और चुस्त बने । जिसके आधार पर हम अपने कार्यों को और अच्छे से कर पाऐंगे । आपने कहा कि ध्यान एकाग्र करने के लिए भी स्पोर्ट्स का जीवन में होना अति आवश्यक है और इसकी शिक्षाएं विशेष रूप से संस्थान का स्पोर्ट्स प्रभाग बखूबी प्रदान कर रहा है । आपने आह्वान किया स्पोर्ट्स से जुड़े भाई बहनों का जो कि इस सकारात्मक चिंतन के इस विशेष शिविर से विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी के डॉ गुरचरन सिंह ने कहा कि हमें विशेष रूप से पांच बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1- अपने जीवन में और खेलकूद में निरंतर प्रगति को प्राप्त करने के लिए हमेशा सपोर्ट स्पिरिट यानि कि खेल की भावना को हमेशा बनाए रखना चाहिए ।
2- हर परिस्थिति में सकारात्मक सोचना चाहिए, विपरीत परिस्थितियां भी ज्यादा से ज्यादा क्या कर सकती है और अगर हम पॉजिटिव सोचते हैं तो हम क्या कुछ कर सकते हैं
3- हमेशा स्वदर्शन करना है अर्थात अपनी जहां कमी कमजोरियों को चेक करते हुए उनको निकालने का प्रयास करना है साथ-साथ अपनी शक्तियों को बढ़ाने का भी प्रयास निरंतर जारी रखना है ।
4- हर परिस्थिति को साक्षी होकर देखना है साक्षी माना न्यारे हो कर। जब हम न्यारे होते हैं तो हर परिस्थिति में हमारी निर्णय शक्ति बढ़ जाती है । इसीलिए खेल में निर्णय करने के लिए रेफरी या एम्पायरस की आवश्यकता होती है ।
5- अंत में सकारात्मक रूप से अपने जीवन को चलाने के लिए अपनी सारी जिम्मेदारियों का बोझ पिता परमात्मा को दे देना है अर्थात उनको समर्पित कर देना है । समर्पण भाव से बड़े से बड़े कार्य सहज रूप से हो सकते हैं ।
आपने कहा कि इस प्रकार से खेलकूद करने से हमारे अंदर हैप्पी हारमोंस का भी निर्माण होता है जिसकी वजह से हम हमेशा खुशी उमंग उत्साह में रह सकते हैं ।
अंत में सभी भाई बहनों का धन्यवाद करते हुए बी के प्रहलाद भाई ने कहा कि यह विशेष आयोजन इस चीज को ध्यान में रखते हुए किया गया है कि हम अपने जीवन में आने वाली परिस्थितियों और खेलकूद में आने वाली विपरीत परिस्थितियों का सहजता से सामना कर सकें । कार्यक्रम का लाइव प्रसारण ब्रह्माकुमारीज़ ग्वालियर के यूट्यूब चैनल पर भी किया गया ।

Centre: GWALIOR INDRA GANJ

Type: Webinar

News/Live/Promo/Recording Link: https://youtu.be/hLcXNJHATS8

Venue: संगम भवन, ओल्ड हाई कोर्ट लेन, इन्द्रगंज लश्कर ग्वालियर

Speaker: बी.के. आदर्श दीदी जी (स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी) , बी.के. डॉ. गुरचरन सिंह, बी.के. प्रहलाद भाई

Special Moments: संस्थान के युवा भाईयों ने मिलकर रस्साकशी अथवा “टग ऑफ़ वॉर” का आनंद भी लिया। जिसमें एक टीम फरिश्ता और दूसरी महावीर टीम थी, जिसमें टीम फरिश्ता ने इस खेल को जीतकर आदरणीय दीदी जी से सम्मान भी प्राप्त किया ।

Beneficiaries: 70

Guests: डॉ. अरविंद झा ( आर्मी ऑफिसर कर्नल ) , डॉ. प्रोफेसर कपिल दवे ( आई.टी.एम. यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स एजुकेशन के डीन ) , बी.के. राजयोगी डॉ. जगबीर सिंह भाई जी ( स्पोर्ट्स प्रभाग के नेशनल कोऑर्डिनेटर ) , श्री. कबीर सिंह भदोरिया ( एम.पी. व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कैप्टन )