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अन्य लोगों में परफेक्शन ढूंढना कितना सही है?

April 30, 2024

अन्य लोगों में परफेक्शन ढूंढना कितना सही है?

चाहे आपका जीवनसाथी हो, बच्चा हो, दोस्त हों या ऑफिस के सहकर्मी हों, हम चाहते हैं कि हमारे आस-पास के लोग परिपूर्ण यानि कि परफेक्ट हों, और वो भी हमारी अपनी परिभाषाओं के अनुसार। हम अपने सभी रिश्तों में, एक प्री कंसीव्ड मेंटल इमेज बना लेते हैं कि दूसरे व्यक्ति को कैसा होना चाहिए। हम चाहते हैं कि वे हमारे द्वारा तय किए गए, मानकों के अनुसार परफेक्ट हों। आइए इसके बारे में समझें:

 

  1. लोगों के सामने तीन इमेज होती हैं: सबसे पहले, आप एक इमेज क्रिएट करते हैं कि किसी को कैसा होना चाहिए। फिर आप उस व्यक्ति से मिलते हैं और उसे अपने स्वभाव के अनुसार समझते हैं। यह आपके द्वारा बनाई गई दूसरी छवि है। और तीसरी यह कि वे कौन हैं। ये तीनों तस्वीरें एक दूसरे से बेहद अलग हो सकती हैं।

 

  1. आप वास्तव में, कभी भी किसी को बहुत अच्छी तरह से नहीं जान सकते, क्योंकि आप उन्हें केवल अपने परफेक्शन के फिल्टर के माध्यम से ही जानने की कोशिश करेंगे। आप उन्हें किसी अन्य दृष्टिकोण से नहीं देख सकते। इसलिए, उन्हें जज या उनकी आलोचना न करें।

 

  1. हर कोई अपने गुणों, आदतों, दृष्टिकोण और पर्सनालिटी ट्रेट के साथ, वैसे ही परफेक्ट हैं। आपके राईट और रॉन्ग की परिभाषा उनसे मेल नहीं खा सकती। जबकि आपके गुणों और धारणाओं के आधार पर संपूर्ण परफेक्शन, सिर्फ आपका अपना बेंचमार्क है।

 

  1. जब भी आप दूसरों से परफेक्शन की उम्मीद करें, तो कुछ समय के लिए स्वयं को पॉज दें और याद दिलाएं कि, दूसरे लोगों के व्यवहार पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है। उनसे परफेक्शन की उम्मीद करने के बजाय, उनके बारे में परफेक्ट सोचने पर ध्यान केंद्रित करें।

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