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मन को कंट्रोल करना (भाग 2)

April 27, 2024

मन को कंट्रोल करना (भाग 2)

हम सभी अपना जीवन बहुत सारे लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ जीते हैं और कभी-कभी जीवन के ये उद्देश्य हमारे मन और उसके विचारों पर हावी हो जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपने मन को सोचने के लिए कुछ पॉजिटिव थॉट दें और ये अनुभव करें कि, किस प्रकार ये थॉट हमारे जीवन में आने वाली अलग-अलग परिस्थितियों के प्रभाव को खत्म करते हैं क्यूँकि ये वो परिस्थितियां होती हैं जिन्हें खत्म करने के लिए मन की शक्ति की बहुत ज़्यादा आवश्यकता होती है। इसलिए, जीवन की अलग-अलग परिस्थितियों के आधार पर, कुछ सकारात्मक विचारों का चुनाव करना और उन्हें प्रयोग कर मन को सशक्त करता है। उदहारण के लिए- अगर आप सारा दिन कंप्यूटर पर काम करते हैं तो स्वयं से कहें – मैं एक पवित्र और शांत आत्मा हूँ, जो अपने आंखों और हाथों के प्रयोग द्वारा कंप्यूटर पर कार्य का रही है। इस चेतना से आप अपने कार्य से डिटेच रह सकते हैं और काम आपके मन पर हावी नहीं होगा। काम के दबाब या तनाव में बिना आए ही आप उसे कर लेंगे। एक दूसरा उदाहरण है- आप कार चला रहे हैं और आपको अपने मन की एनर्जी को यूज़ करना होता है, ऐसे में खुद से कहें – मैं एक शक्तिशाली आध्यात्मिक सत्ता या एनर्जी हूँ जो अपने हाथ, पैर और आँखों को यूज़ करके, कार की स्टियरिंग और दूसरे हिस्सों को नियंत्रित कर रही हूं। अपने मन में इस तरह की अवेयरनेस आपको मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त करेगी और आप सुरक्षित ड्राइविंग की विभिन्न चुनौतियों के प्रभाव में आए बिना ही पॉजिटिव चेतना में कार चला पाएंगे।

 

ये सब उदाहरण, एक उच्च चेतना या हायर अवेयरनेस को दर्शाते हैं जोकि हमें नेगेटिव परिस्थितियों और उनके प्रभाव से अलग रखते हैं। इसके परिणाम स्वरूप हमारे अनावश्यक विचार कम हो जाते हैं और हमारा मन शांत रहता है और जिस कार्य को हम कर रहे होते हैं उस ओर एकाग्र हो सकते हैं, उन सब चीजों के बारे में सोचे बिना जिनकी कोई आवश्यकता नहीं है।

(कल जारी रहेगा….)

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