सुंदर पैरेंटिंग के आनंद का अनुभव करें (भाग 2)

May 5, 2024

सुंदर पैरेंटिंग के आनंद का अनुभव करें (भाग 2)

बच्चों को छोटी उम्र से ही प्रकृति के साथ का अनुभव कराना चाहिए ताकि, वे जीवन को बहुत ही बुनियादी तरीके से देख सकें। जब हम अपने आस-पास उन लोगों को देखते हैं जिन्हें हम जानते हैं, तब हम पता चलता है कि वे सभी अलग-अलग बैकग्राउंड से हैं और जीवन में अलग-अलग रास्तों को फॉलो करते हुए भी आखिरतः ज्ञानी और अद्भुत लोगों के रूप में सफल हुए हैं। इसी प्रकार, हमें अपने बच्चों को भी ऐसी ही आजादी देनी चाहिए ताकि वे अपने जीवन का रास्ता खुद चुन सकें। साथ ही, उन्हें हर चीज के लिए प्रश्न करना सिखाना चाहिए, लेकिन डाउट के आधार पर नहीं। बल्कि उन्हें लोगों के ऊपर स्वाभाविक रूप से भरोसा करना भी सिखाना चाहिए। माता-पिता के अंदर प्रेम, स्वीकार्यता, खुलापन और अध्यात्मिक रूप से चीज़ों को फोकस्ड तरीके से करना, जैसे गुणों के होने से वे अपने बच्चों को शक्तिशाली वायब्रेशन दे सकते हैं, जिससे वे अपनी इनर पॉवर को निखार सकते हैं।

 

साथ ही, बच्चों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मामलों को भी गंभीरता से लेना सीखना चाहिए। उन्हें अपने मन और शरीर को संजोना और उनके रखरखाव की ज़िम्मेदारी लेना भी सीखना चाहिए। वे अपने हर एक कार्य को कैसे देखते हैं; ये इस बात से संबंधित है कि वे अपने बाहरी एनवायरनमेंट के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। इसलिए, माता-पिता की भूमिका, एक कोच की भूमिका के समान है, जो मैदान के बाहर उनकी हर संभव मदद करने की कोशिश करते हैं, ताकि वे अपने जीवन में बेस्ट रेस दौड़ सकें। एक माता-पिता के रूप में, कभी-कभी ये महसूस न करना मुश्किल होता है कि, आपके बच्चे के साथ-साथ आपका भी मूल्यांकन किया जा रहा है। इसलिए कभी-कभी हम ऐसे निर्णय लेते हैं जहां हम ये देखते हैं कि, हमें कैसा लगा रहा है बजाय इसके कि हमारे बच्चे कैसा महसूस करेंगे, जोकि गलत है और हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि, ऐसा न हो।

(कल जारी रहेगा…)

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