सुंदर पैरेंटिंग के आनंद का अनुभव करें (भाग 3)

May 6, 2024

सुंदर पैरेंटिंग के आनंद का अनुभव करें (भाग 3)

आज की पीढ़ी के माता-पिता के पास इन्टरनेट पर बहुत सारी जानकारी उपलब्ध है। परिणाम स्वरूप, अक्सर हमें ये जरूरत महसूस होती है कि, अपने बच्चों को मदद  करने के लिए हर जरूरी जानकारी हम तक पहुंचें। उनके लिए बेस्ट करने की कोशिशों में, हम अपने बच्चों को वे जैसे हैं उन्हें वैसे स्वीकार करना भूल जाते हैं। डरना और इंस्टिक्ट को भांपना; इन दोनों बातों में बहुत अन्तर है और हमें इन दोनों को अलग रखना सीखना चाहिए। चिंता करने से या भय में जीने से कोई भी अच्छे माता-पिता नहीं बन सकते। और हम ऐसी गलतियां न करें, इसके लिए स्वयं को आत्मविश्वासी, हंसमुख और खुश रखना ही इन सब बातों की चाबी है। माता-पिता को चाहिए कि, वे खुद के लिए छोटी-छोटी चीजें; जो उन्हें आध्यात्मिक रूप से मदद कर सकती हैं उनके लिए समय निकालें। उन्हें खुद पर विश्वास होना चाहिए, ये जरूरी है कि, वे अपनी जरूरत अनुसार चीज़ों को खोजें और अपनी आंतरिक संतुष्टि के लिए समय निकालें। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि हमारा आध्यात्मिक विकास, आंतरिक अच्छाईयां और संतुष्टि; हमारे बच्चों और उनके व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं।

 

जब बात हमारे खुद के स्वास्थ्य की आती है, तो हमें ये याद रखना चाहिए कि, हम जो भी उपदेश दे रहे हैं उसे पहले हम खुद अभ्यास में लाएं और जिस प्रकार हम अपने बच्चों के स्वास्थ का ध्यान रखते हैं ठीक उसी प्रकार अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। माता-पिता को ये भी याद रखना चाहिए कि, वे अपने बच्चों के साथ-साथ आपस में भी संबंधों को बेहतर बनाए रखें। बच्चों का ध्यान रखते हुए, उनके आपसी नाजुक बंधन तनाव में टूट सकते हैं। एक माता-पिता होने के नाते, सबसे अच्छी चीज जो हम अपने बच्चों को दे सकते हैं वो है आपस में अलग-अलग ओपिनियन होते हुए भी उसका सम्मान करना, एक दूसरे से प्रेम करना और देखभाल करना। माता पिता के बीच प्यार और सद्भावना का सुंदर रिश्ता; बच्चे के ऑल राउन्ड डेवलपमेंट के साथ-साथ उसके सुन्दर विकास का आधा काम पहले ही कर देता है। अंत में, हमें ये याद रखना चाहिए कि, पेरेंटहुड एक तरह की आपसी बातचीत है जिसे जीवन भर चलना है। ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जो हम बच्चों को सिखाना चाहते हैं और बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो हम उनसे सीख सकते हैं और बहुत सारे जीवन के नए अनुभव, हम साथ में मिलकर अनुभव कर सकते हैं। इसलिए अपने बच्चों के साथ…..हमें ओपन रहना चाहिए….ऑनेस्ट रहना चाहिए और सुंदर पेरेंटिंग की खुशी को अनुभव करना चाहिए!

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