Play
Pause
क्या आपने कभी सिर्फ़ दो मिनट के लिए फ़ोन उठाया और पाया कि 20 मिनट बीत चुके हैं? क्या आपने कभी खुद को अनजाने में स्क्रॉलिंग करते हुए पकड़ा है, भले ही आपने ऐसा न करने की योजना बनाई हो? यदि हां, तो आप अकेले नहीं हैं।
सवाल यह है: क्या आप अपने फ़ोन का उपयोग कर रहे हैं, या आपका फ़ोन आपका उपयोग कर रहा है?
हम ऐसे समय में जी रहे हैं जहां मोबाइल फ़ोन हमारे हाथों का हिस्सा बन चुके हैं। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक, यह हमारे साथ रहता है—खाने के दौरान, काम करते समय और यहाँ तक कि अपनों के साथ बातचीत के दौरान भी।
लेकिन क्या आप जानते है, यह सुविधा कब लत में बदल जाती है?
तो, यह स्वीकार करने का समय आ गया है: यह सामान्य उपयोग नहीं, बल्कि एक लत है।
शायद हमारे पास अपनी फ़ोन लत पर नियंत्रण पाने का अवसर है क्योंकि हमने स्मार्टफ़ोन का उपयोग अपने 20 वर्ष या 30 वर्ष में शुरू किया। लेकिन हमारे बच्चों का क्या? आज तीन-चार साल के छोटे बच्चे भी स्क्रीन के आदी हो रहे हैं। अगर हम खुद इस आदत से नहीं बच पाए, तो उनसे कैसे उम्मीद कर सकते हैं? जो माता-पिता फ़ोन के आदी हैं, वे अपने बच्चों को इससे बचने की सीख नहीं दे सकते।
तो हम क्या कर सकते हैं?
ज़रा सोचिए, जब घरों में केवल लैंडलाइन फ़ोन हुआ करते थे। फ़ोन एक कोने में रखा रहता था और फिर भी ज़िंदगी अच्छे से चलती थी। परिवार एक साथ समय बिताते थे। क्या हम इसे फिर से आज़मा सकते हैं?
👉 हर शाम 2-3 घंटे के लिए अपना फ़ोन एक जगह रखें, जैसे लैंडलाइन।
👉 यदि फ़ोन बजे, तो उस स्थान पर जाएं, कॉल अटेंड करें और फिर फ़ोन वहीं रख दें।
👉 इस समय को परिवार के साथ पूरी तरह से उपस्थित होकर बिताएं।
👉 पहले इसे खुद के लिए करें—दूसरों पर दबाव न डालें, बस एक उदाहरण प्रस्तुत करें।
यह छोटा सा बदलाव बेहतर नींद, कम तनाव और मजबूत रिश्तों को जन्म दे सकता है। कल्पना कीजिए, एक ऐसा घर जहाँ बच्चे फ़ोन के साथ नहीं बल्कि शांति से सोते हैं।
हम अपने फ़ोन पर इतना समय क्यों बिताते हैं? क्योंकि कंटेंट क्रिएटर्स कमा रहे हैं, जबकि हम अपनी खुशी खो रहे हैं। जितना ज़्यादा हम इसके आदी होते हैं, उतना ज़्यादा वे कंटेंट बनाते हैं। यह एक अंतहीन चक्र बन जाता है।
समस्या फ़ोन नहीं है। समस्या यह है कि हम इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं।
1️⃣ नोटिफिकेशन बंद करें – लगातार बजने वाली बीप हमारा ध्यान भटकाती है। सभी गैर-ज़रूरी नोटिफिकेशन बंद करें और दो दिन के भीतर शांति महसूस करें।
2️⃣ नकारात्मक और अनावश्यक कंटेंट देखना बंद करें – गॉसिप, शिकायतें या बेकार के जोक्स? इन्हें पढ़ना और शेयर करना बंद करें। जब आप इन्हें नज़रअंदाज़ करेंगे, तो लोग भी आपको ऐसे मैसेज भेजना बंद कर देंगे।
3️⃣ सबसे अधिक समय खाने वाले ऐप्स को 1 महीने के लिए हटाएं – देखें कि आपका अधिक समय किस ऐप पर जा रहा है। इसे बस एक महीने के लिए डिलीट करें और अपने मानसिक स्पष्टता में बदलाव महसूस करें।
जब हम अपने फ़ोन के उपयोग को कम करने की कोशिश करते हैं, तो यह असहज लगता है। ठीक वैसे ही जैसे कॉफी या शुगर छोड़ने पर होता है। पहले कुछ दिन मुश्किल होते हैं। आपका हाथ खुद-ब-खुद फ़ोन की ओर जाएगा। लेकिन यदि आप इस दौर को पार कर लेते हैं, तो आज़ादी आपका इंतज़ार कर रही है।
एक 12वीं कक्षा की छात्रा ने अपने परीक्षा के दौरान स्मार्टफ़ोन छोड़कर एक बेसिक फ़ोन अपनाया। बाद में उसने कहा, “अब मुझे स्मार्टफ़ोन की ज़रूरत ही महसूस नहीं होती।” लत केवल तभी हमें परेशान करती है जब हम उसके प्रभाव में होते हैं। एक बार इससे मुक्त होने के बाद, हमें पता चलता है कि इसके बिना ज़िंदगी कितनी शांत हो सकती है।
बहुत से लोग अपने फ़ोन का उपयोग अपने विचारों से बचने के लिए करते हैं। जैसे कोई फिल्म हमें दर्द से विचलित कर सकती है, वैसे ही हम फ़ोन स्क्रॉल करके अपने भीतर के शोर से बचने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या इससे हमारी समस्याएं हल होती हैं? नहीं। यह केवल उन्हें बढ़ाता है।
हमें भागने के बजाय अपने विचारों का सामना करना सीखना होगा। हमें चुपचाप बैठकर अपने भीतर के संसार को समझना और ठीक करना होगा। अगर हम हर पल खुद को व्यस्त रखेंगे, तो मन को शांति कैसे मिलेगी?
सिर्फ़ एक हफ्ते के लिए:
🔹 हर शाम 2-3 घंटे के लिए अपना फ़ोन एक जगह रखें।
🔹 गैर-ज़रूरी नोटिफिकेशन बंद करें।
🔹 नकारात्मक या बेकार के कंटेंट से बचें।
यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप अपने ध्यान, शांति और खुशी में एक बड़ा बदलाव देखेंगे। क्या आप इसे आज़माने के लिए तैयार हैं?
(अपनी आँखें बंद करें या आधी खुली रखें। आराम से बैठें और गहरी सांस लें।)
मैं एक शक्तिशाली आत्मा हूँ।
मेरा मन मेरे नियंत्रण में है।
मेरा फ़ोन एक उपकरण है; यह मुझे नियंत्रित नहीं करता।
मैं तय करता हूँ कि मुझे इसे कब और कैसे इस्तेमाल करना है।
मैं व्याकुलता से मुक्त हूँ।
मैं अपने प्रियजनों के साथ गहरे संवाद का आनंद लेता हूँ।
मैं वर्तमान क्षण में शांति और आनंद अनुभव करता हूँ।
(एक और गहरी सांस लें और धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलें।)
हमें अपने फ़ोन का उपयोग बंद करने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन हमें उसके गुलाम बनना बंद करना होगा। टेक्नोलॉजी हमारी सेवा के लिए है—न कि हमें नियंत्रित करने के लिए। यदि हम आज अपने फ़ोन के उपयोग पर नियंत्रण पा लेते हैं, तो हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सशक्त उदाहरण स्थापित करेंगे।
क्या आप इस बदलाव के लिए तैयार हैं?
इस विराट सृष्टि में अनेक प्रकार के योग प्रचलित हैं। ‘योग’ का वास्तविक अर्थ है ‘जोड़ना’ अथवा ‘मिलाप’, जो आत्मा का परमात्मा से संबंध जोड़ता है। ‘योग’ का सही अर्थ जानने के लिए परमात्मा के गुण, रूप, और परमधाम का
भारत के आध्यात्मिक जगत में मातेश्वरी जगदम्बा ने नारी जागरण की आध्यात्मिक क्रांति का नेतृत्व करते हुए नारियों के जीवनमुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया। ओम मंडली संस्था के विरोध और धरना प्रदर्शन के बावजूद, उन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ अपने
विश्व वन्यजीव दिवस केवल जैव विविधता की सुरक्षा का संदेश नहीं देता, बल्कि हमें प्रकृति और आध्यात्मिकता के गहरे संबंध को पुनः खोजने का अवसर भी प्रदान करता है। जानें कि कैसे हमारी चेतना और कर्म पर्यावरण को प्रभावित करते
होली सिर्फ़ रंगों का त्यौहार नहीं, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने और दिव्यता से रंगने का अवसर है। जानिए होली का आध्यात्मिक महत्व और इसका गहरा संदेश।
सहज राजयोग: सर्वांगीण स्वास्थ्य पाने का एकमात्र मार्ग। शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, नैतिक, आर्थिक और सामाजिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए भगवान शिवपिता का सिखाया हुआ सहज राजयोग अपनाएं। यह जीवन शैली को स्वस्थ बनाता है और सकारात्मक चिंतन से जीवन
शिक्षक दिवस पर विशेष: जानिए कैसे परमात्मा, हमारे परम शिक्षक, जीवन की हर चुनौती में हमें मार्गदर्शन करते हैं। आदर्श शिक्षक की भूमिका और ईश्वर के दिव्य शिक्षण का महत्व।
नवरात्रि (3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर) की रस्में हमारी दिव्यता को जगाने के बारे में बहुत कुछ कहती हैं। आइए, नवरात्रि के आध्यात्मिक अर्थ को समझें और अपनी आंतरिक शक्तियों का अनुभव करें: (1) शिव और शक्ति का अर्थ
रक्षा बंधन एक महत्वपूर्ण भारतीय त्यौहार है जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और आत्मिक संबंध को दर्शाता है। तिलक, मिठाई और राखी के आध्यात्मिक रहस्यों को जानें, जो हमें पवित्रता और सच्चाई का महत्व सिखाते हैं। परमात्मा शिव की शिक्षाओं
सन् 1965 को मातेश्वरी “ब्रह्माकुमारी सरस्वती जी” ने अपनी पार्थिव देह का परित्याग किया। उन्होंने ईश्वरीय सेवा में अपने जीवन को समर्पित किया था। मातेश्वरी जी ने देह से ऊपर उठकर जीवन में मन-वचन-कर्म की एकता को धारण किया। उन्होंने
महाशिवरात्रि आत्मा के दिव्य जागरण का पर्व है। जानें शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य, उपवास का सही अर्थ, पवित्रता का संकल्प और परमात्मा का संदेश।