
आंतरिक सुंदरता (इनर ब्यूटी) के तीन दर्पण (भाग 2)
कल के सन्देश में हमने पहले दर्पण, आध्यात्मिक ज्ञान के दर्पण की चर्चा की थी। यह दर्पण आपको परमात्मा को भी दिखाएगा और साथ ही
हम में से प्रत्येक के अंदर विभिन्न आद्तों/व्यवहारों को सहन करने की शक्ति और उनका सामना करने की भी शक्ति है। परन्तु जब भी हमारी वेल्यूस का टकराव, स्वभावों में अंतर, विचारों में विरोध होता है या हमारी अपनी कमजोरियां होती हैं, तो हम दुविधा में होते हैं कि उन्हें सहन किया जाए या विरोध किया जाए। सही तरीके से जवाब देने की क्षमता, हमें मुद्दों को रोकने या हल करने में मदद करती है। क्या हम उन लोगों का सामना करना या उनका जवाबदेह होना जरूरी समझते हैं जिनका कार्य या व्यवहार हम स्वीकार नहीं करते हैं? क्या हम दुर्व्यवहार, भ्रष्ट आचरण या हिंसा को सहन नहीं कर पाते हैं? क्या हमारा मन दुविधा में होता है कि किस व्यवहार को सहन करना है और किसका सामना करना है? हम सभी के पास दो आंतरिक शक्तियाँ हैं – समाने की शक्ति और सामना करने की शक्ति। चूँकि ये दोनों शक्तियाँ एक दूसरे की अपोजिट हैं, इसलिये हमें स्पष्ट समझ होनी चाहिए कि किस स्थिति में किसका उपयोग करना है। हमारे संबंधों में जटिलता का एक कारण यह भी है कि हम इन शक्तियों को गलत रूप से प्रयोग कर रहे हैं। यदि हमारे गुणों, सद्गुणों, मतों, मनोवृत्तियों और दृष्टिकोणों में भिन्नता हो तो हमें लोगों के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता होती है। समाने का अर्थ है कि हम लोगों के विभिन्न व्यवहार को समझते हैं, स्वीकारते हैं और समा लेते हैं। अतः हम नकारात्मक विचार पैदा न कर उनका सामना करें और ना ही उनसे मुख मोडें। लेकिन अगर हमारे वेल्यूस और सिद्धांतों का दुरुपयोग, शोषण या समझौता होता है, तो हमें ऐसी स्थिती का सामना करना चाहिए। सामाजिक दबाव के अन्तर्गत समाना या स्वीकार करना हमें कमजोर बनाता है। इसलिये सही समय पर सही शक्ति को पहचानना और उसको कार्य में लाना महत्वपूर्ण है। जितना अधिक हम इसका अभ्यास करते हैं उन्हें समझकर कार्य में लाना उतना ही आसान हो जाता है।
हमेशा याद रखें कि आप एक बुद्धिमान प्राणी हैं। जीवन के हर दृश्य में अपनी आंतरिक शक्तियों का उचित उपयोग करें। विभिन्न लोगों से मिलने पर अलग अलग-प्रकार के व्यक्तित्व से परिचय होता है। समाने और सामना करने की अपनी आंतरिक शक्तियों का सही तरीके से उपयोग करें कि कब समाना है और कब सामना करना है? हर एक को उनके व्यक्तित्व के साथ वैसे ही स्वीकार करें जैसे वे हैं। उनके लाभ के लिए उन्हें सलाह या निर्देश दें, उन्हें आशीर्वाद दें लेकिन उनका सामना न करें। विभिन्न व्यक्तित्वों को सहन करने की आपकी शक्ति आपके रिश्तों को मजबूत करती है। साथ ही कुछ स्थितियों में, जब आपको लोगों का सामना करना पड़े तो सामाजिक दबावों, सार्वजनिक स्वीकृति या दायित्वों से ऊपर उठकर सही काम करें। साथ ही जब आपको अपनी किसी कमजोरी या किसी गलत आदत के बारे में पता चले तो उसका सामना करें और एडजस्ट न करें। गलत आद्तों का परिणाम गलत ही होगा। इसलिए जब तक आप इसे समाप्त या बदल नहीं देते तब तक लगातार इस पर काम करें। सही समय पर सही प्रतिक्रिया का उपयोग करके आप अपनी आंतरिक शक्तियों को बढ़ाते हैं।
कल के सन्देश में हमने पहले दर्पण, आध्यात्मिक ज्ञान के दर्पण की चर्चा की थी। यह दर्पण आपको परमात्मा को भी दिखाएगा और साथ ही
हम सभी हर दिन, अपनी बाहरी दिखावट, सजावट या साफ-सफाई को परखने के लिए दर्पण देखते हैं। लेकिन क्या हम जानते हैं कि, मानसिक, भावनात्मक
हमारे जीवन में किसी भी परीस्थिति का नकारात्मक परिणाम हो सकता है, लेकिन अक्सर हम नकारात्मक परिणाम के बारे में उसके होने से पहले ही
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