दूसरों को कॉपी न करें, स्वयं के लिए अच्छे बनें

April 22, 2024

दूसरों को कॉपी न करें, स्वयं के लिए अच्छे बनें

हम सभी अपनी वैल्यूज के साथ बड़े हुए हैं और हमें ये सिखाया गया है कि अपने आस-पास के लोगों के प्रति हम दयालु रहें। लेकिन अक्सर हमारे व्यवहार में दूसरों को देखकर डिपेंडेंसी आ जाती है- कि जब लोग हमसे अच्छा व्यवहार करते हैं, तब ही हम उनके साथ अच्छा व्यवहार करते हैं। अगर लोग हमारे साथ छोटे या बड़े तौर पर गलत व्यवहार करते हैं, तो हम जैसे को तैसा या आंख के बदले आंख के नाम पर पलटवार करते हैं। ऐसा करके, हम उन्हें कॉपी करते हैं और विरासत से मिली हुई अपनी अच्छाईयों को ताक पर रख देते हैं। इसलिए आज से ये दृढ़ निश्चय करें कि, चाहे कुछ भी हो; हम स्वयं की वैल्यूज के अनुसार जिएंगे। जब हम दूसरों को कॉपी करने के टेम्पटेशन की स्टेट में आते हुए भी, अगर हम स्वयं के रियल गुणों को बनाए रखते हैं तो इससे हमारी आंतरिक शक्ति बढ़ती है। इसके लिए स्वयं को याद दिलाते रहें कि; मेरे आस पास का एनवायरनमेंट या लोग चाहे जैसे भी हों; मैं हर परिस्थिति में अपने रियल गुणों को ही यूज करूँगा। दूसरों का व्यवहार चाहे कैसा भी हो; मैं उनके प्रति दयालु रहूँगा और उनकी देखभाल करूँगा।

 

आइए चेक करें; कि क्या जब लोग आपसे अच्छा व्यवहार करते हैं तो आप उनसे ज्यादा अच्छा व्यवहार करते हैं? और अगर कोई आपसे अच्छा व्यवहार नहीं करता, तो बदले में आप उनके साथ वैसा ही करते हैं? क्या आप जिनसे भी मिलते हैं, खुद को उनकी कॉपी करते हुए पाते हैं, क्यूंकि आप उनके तौर-तरीकों को अपने बिहेवियर में रिफ्लेक्ट करते हैं? लोगों का व्यवहार; उनके मूड, स्वभाव, हालात, नजरिए और एनवायरनमेंट पर निर्भर करता है जिसके चलते उनका व्यवहार हर दिन एक जैसा न होकर, अलग-अलग दिनों पर अलग-अलग होता है। वे हमसे विवाद कर सकते हैं, धोखा दे सकते हैं, हमें डांट भी सकते हैं या इग्नोर भी कर सकते हैं। या हो सकता है कि हमारे साथ रुड या असभ्य हों। ऐसे में हमारे पास 3 ऑप्शन होते हैं- 1.उनके जैसा ही व्यवहार करके अपने गुणों को कम करें, 2.उनके व्यवहार को एब्जॉर्ब करके हर्ट हो जाएं, 3. या उनकी एनर्जी को बदलने के लिए, स्वयं की विरासत में मिली अच्छाइयों को रेडिएट करें। अगर हम दूसरों को कॉपी करते हैं तो हम खुद की पहचान और गुणों को खोते जाएंगे। ये उनका जीवन, उनकी एनर्जी, उनके कर्म और उनका भाग्य है। ये जरूरी नहीं कि हम भी उनके साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा कि वे हमारे साथ करते हैं। हमारे अंदर इतनी शक्ति है कि हम हर एक के साथ अच्छा व्यवहार कर सकते हैं, उन लोगों के साथ भी जो हमारे प्रति अच्छे नहीं हैं। लोगों को समझने का प्रयास करें और उन्हें बदले में हर्ट न करें। उन्हें वे जैसे हैं, वैसा ही रहने दें और आप जैसे हैं, वैसे ही रहें। अपने व्यवहार को अपने व्यक्तित्व का दर्पण बनाएं। उन्हें कॉपी न करें और न ही उनके व्यक्तित्व को रिफ्लेक्ट करें। जब हम स्वयं की विशेषताओं को यूज़ करते हैं तो हम हमेशा खुश, संतुष्ट और सफल रहते हैं और साथ ही दूसरों की दुआओं के पात्र भी बनते हैं।

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