विचारों पर नकारात्मक प्रभाव से ऊपर उठना (भाग 3)
कल के संदेश में हमने बाहरी प्रभावों पर चर्चा की थी। आइए, आज कुछ आंतरिक प्रभावों के बारे में जानते हैं जो हमारे विचारों को
April 24, 2024
हम लोगों द्वारा एक्सेप्टेंस और समाज द्वारा सम्मान पाने के लिए पूरा-पूरा प्रयास करते हैं जिसके लिए फिट होना हमारी प्राथमिकता बन जाता है। इसी के चलते ये हमारी जरूरत बन जाती है कि, जो सभी कर रहे हैं वो हम भी करें। पियर प्रेशर की प्रक्रिया; हमें उन चीजों की तरफ मोड़ देती है जिसके लिए हम तैयार नहीं होते हैं, जिसके कारण हम चिंतित और संघर्षशील हो जाते हैं। हमें इससे कोई फर्क़ नहीं पड़ना चाहिए कि हम कितने प्रसिद्ध हो जाएंगे बल्कि हमें इसके आगे झुकना नहीं चाहिए। इसके लिए हर दिन खुद को याद दिलाएं- मैं एक स्वतंत्र आत्मा हूँ। मैं पियर प्रेशर से मुक्त हूँ। अपने जीवन को खूबसूरती से कैसे जीना है इसका चुनाव मैं स्वयं करता हूँ। मैं अपने संबंधों में लिमिटेशन तय करता हूँ और अपनी पसंद से जीता हूँ। पियर प्रेशर का मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। ऐसा करने से आपका आत्म-सम्मान बढ़ेगा, अपनी पसंद को सम्मान करने और स्पष्ट सामाजिक सीमाएं बनाने में मदद मिलती है। साथ ही साथ, ऐसा करने से आप अपने आस-पास के लोगों को फॉलो करने की प्रबल इच्छा पर भी काबू पा सकेंगे।
क्या आप भी लोगों के अलग-अलग तरह के प्रेशर में आकर कुछ ऐसा करने के लिए बाध्य थे, जिसमें आप सहज महसूस नहीं करते थे? क्या आप किसी समय डर की वजह से, बेबसी या लोगों द्वारा अस्वीकार किए जाने के कारण उनके प्रभाव में थे? पियर प्रेशर ने आपको कितना प्रभावित किया है? हमारे परिवार और मित्रों का नजरिया और उनकी पसंद अलग-अलग हैं। वे कुछ ऐसा भी करते हैं जिसे करने में हम खुद को सहज नहीं पाते हैं। इससे कोई फर्क़ नहीं पड़ता है कि, उनको फॉलो करना कितना भी आकर्षक क्यूँ न हो, पर पियर प्रेशर के दवाब में न आना हम पर ही निर्भर करता है। ये जीवन हमारी खुद की यात्रा है, जिसे हमें स्वयं की पसंद पर जीना चाहिए। जब हम लगातार इस बात की चिंता करते हैं कि लोग हमारे बारे में क्या सोचेंगे, हमारा आत्म-सम्मान काफी हद तक कम हो जाता है। इसलिए आइए, अपनी क्षमता, मूल्यों या सिद्धांतों से समझौता; पियर ग्रुप को फॉलो करके न करें। हमारे अंदर खुद के लिए निर्णय लेने की शक्ति होती है। खुद का सम्मान करें और अपने स्वीकार किए जाने के लिए दूसरों पर निर्भर न हों। अपनी आत्मा की आवाज को सुनें, अपनी शारीरिक शक्ति, भावनात्मक स्ट्रेंथ, मूल्यों, सामर्थ्य, कमिटमेंट और क्षमताओं के आधार पर रेसपौंड करें। अपनी आदतों और जीवनशैली का चुनाव करें और सिर्फ वो ही करें, जो स्वस्थ और आत्मा को मज़बूत करने वाला हो। आपका परिवार और आपके मित्र आपको सहयोग देंगे। यहां तक कि, अगर कोई आपकी पसंद या राय को स्वीकार नहीं भी करता है, तो इस बात को स्वीकार करें कि, वे हमसे अलग हैं और उनके प्रति सम्मान भाव रखें।
कल के संदेश में हमने बाहरी प्रभावों पर चर्चा की थी। आइए, आज कुछ आंतरिक प्रभावों के बारे में जानते हैं जो हमारे विचारों को
एक महत्वपूर्ण पहलू जो हमें ध्यान केंद्रित करने के स्वस्थ और सकारात्मक अनुभव में बने रहने नहीं देता, वे हमारे जीवन में हम पर पड़ने
हमारे मन द्वारा कई प्रकार के विचार उत्पन्न किए जाते हैं, जिनकी तीव्रता, जागते या सोते समय उनकी संख्या अलग-अलग होती है, या फिर किसी
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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