
अपने जीवन में 6 प्रकार की संतुष्टता लाएं
क्या मैं स्वयं से संतुष्ट हूँ – जीवन में आगे बढ़ने के लिए स्वयं से, अपने संस्कारों से, अपने विचारों, शब्दों और कार्यों से तथा
कल के मेसेज में आप सबने जाना कि किस प्रकार अध्यात्म ज्ञान, किसी विशेष स्थिति में, आठ मुख्य शक्तियों में से एक निश्चित शक्ति का उपयोग करने के लिए आवश्यक है। इस मेसेज के अंत में हम जानेगें कि, किस तरह से किसी विशेष स्थिति में सफलता का अनुभव करने के लिए, ज्ञान के साथ- साथ अपने आप को आध्यात्मिक शक्ति से भर सकते हैं। आध्यात्मिक शक्ति के बिना आध्यात्मिक ज्ञान अधूरा होगा जोकि बिना धार वाली कुल्हाड़ी की तरह होगा।
हमारी आत्मा में आध्यात्मिक शक्ति लंबे समय तक रहती है। आत्मा; जन्म और पुनर्जन्म के चक्र में अपनी बहुत सारी शक्तियों को खो देती है और आत्मा को फिर से सशक्त बनाने का एकमात्र तरीका, मेडीटेशन का अभ्यास है। ब्रह्मा कुमारीस में बताया जाने वाला मेडीटेशन के अनुसार हमें अपने संकल्प शक्ति का उपयोग करके, मन और बुद्धि को परमात्मा के साथ जोड़ने की एक तकनीक है। परमात्मा आध्यात्मिक शक्तियों का सर्वोच्च सोर्स है। मेडीटेशन की प्रक्रिया में, सबसे पहले हम, मन द्वारा आध्यात्मिक विचार पैदा करते हैं और बुद्धि द्वारा आध्यात्मिक छवियों को बनाते हैं। जिससे कुछ ही मिनटों में हम अपने आत्मिक स्वरूप में टिक कर परमपिता परमात्मा के साथ उच्च चेतना जागृती की अवस्था तक पहुंच जाते हैं। बेशक, परमात्मा की अनुभूति के अनुभव तक पहुंचने के बाद, उस अनुभव में बने रहने की जरूरत है, जो भगवान के साथ एक गहरा कनेक्शन और सुखद मिलन है। इस कनेक्शन द्वारा परमात्मा की शक्तियां, आत्मा में प्रवेश करके उसे शक्तिशाली बनाती है। तो, इस प्रकार लंबे समय तक परमात्मा के साथ इस रीति से कनेक्शन जोडने से, आत्मा स्वाभाविक रूप से आठों आध्यात्मिक शक्तियों से भर जाती है। जैसे हमनें पहले के मेसेज में भी जाना कि आत्मा की आठ शक्तियां हैं: सहन शक्ति, समाने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, समेटने की शक्ति, परखने की शक्ति, निर्णय करने की शक्ति, अंतर्मुखता की शक्ति और सहयोग करने की शक्ति। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मेडीटेशन में हम आत्मा के मन और बुद्धि का उपयोग सर्वशक्तिमान स्रोत परमात्मा से जुड़ने के लिए करते हैं। फलस्वरूप आत्मा के संस्कारों में आध्यात्मिक शक्ति भर जाती है। इस तरह, हम सभी आठ शक्तियों से परिपूर्ण मास्टर सर्वशक्तिमान या भगवान के आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली बच्चे बन जाते हैं।
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वर्ल्ड ड्रामा एक ऐसा नाटक है जिसे सभी आत्माएं पृथ्वी ग्रह पर अवतरित होकर खेलती हैं और जिसके चार चरण वा युग होते हैं –
शुभ प्रभात/ गुड मॉर्निंग! आज सुबह, क्या आपने अपने परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को सुप्रभात, शुभ संध्या या फिर शुभकामनाएं दीं? क्या आप लोगों को
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