विचारों और चित्रों का सूक्ष्म खेल (भाग 2)
आत्मा के विचारों और चित्रों की गुणवत्ता उसके संस्कारों पर निर्भर करती है। इसी के अनुसार, आत्मा विभिन्न प्रकार की सकारात्मक या नकारात्मक भावनाओं का
March 29, 2024
जब हम अपने मन में किसी भी प्रकार की मेंटल लिमिट्स तय कर लेते हैं, तो सबसे पहले जरूरी है कि, हम स्वयं के भीतर देखें और उसे चेक करें। इस दिशा में दूसरा कदम है उस सीमा को अपनी मानसिक ताकत और आध्यात्मिक शक्ति से परिवर्तित करना यानि चेंज करना, क्यूंकि इसके बिना ये हमारे व्यक्तित्व पर हावी रहता है। इस प्रोसेस वा प्रक्रिया को “चेक और चेंज” कहा जाता है। इसलिए सबसे पहले हमें खुद की मानसिक बाधाओ को ही चेक करना है, क्यूंकि ये एक कमज़ोर व्यक्तित्व को दर्शाता है जोकि हमारे थॉट पैटर्न को भी प्रभावित करता है। इसके बाद ही हम इसे एक शक्तिशाली विशेषता में बदल सकते हैं, जो हमारी ऐसी लिमिटेशन पर हावी होकर उन्हें कम कर सकती हैं। इसके अलावा ये भी जरूरी है कि, हम खुद के कमजोर थॉट पैटर्न को बदलें, उन्हें ऑब्जर्व करें और नेगेटिव से पॉजिटिव में बदलें। ऐसा करके भी हम खुद की बाधाओं पर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। एक व्यक्ति जो लगातार अपनी असफलताओं के बारे में सोचता है उसके लिए जरूरी है कि, वो अपने व्यक्तित्व की विशेषताओं के बारे में सोचें। इसके साथ ही हर दिन, अपनी असफलताओं के बारे में क्रिएट किए गए विचारों की संख्या को भी चेक करें। इसके बाद का जरूरी स्टेप है; उन्हें एफरमेशन और सफलता के पॉजिटिव विचारों में बदलें, पूरे दिन में उन्हें विजुवलाइज करें और किसी भी प्रकार के कमज़ोर और पॉसिबल असफलताओं से संबंधित विचारों को अपने मन में कोई भी जगह न दें।
इस संसार में तीन तरह के लोग होते हैं- पहले वो; जो न तो चेक कर पाते हैं और इसलिए न खुद को बदल पाते हैं। दूसरे वे हैं; जो इतने संवेदनशील हैं कि चेक तो कर पाते हैं पर उनमें न तो खुद को बदलते की शक्ति होती है और न ही अपने विचारों की दिशा को, जोकि उनमें दृढ़ता की शक्ति या फिर मानसिक शक्ति की कमी को दर्शाता है। और तीसरे वे हैं; जो चेक और चेंज दोनों ही करते हैं और इससे खुद की मानसिक ताकत से; लिमिट्स और मेंटल बैरियर दोनों पर ही सफलता हासिल करते हैं। अपनी मानसिक ताकत को बढ़ाने के कई तरीके हैं, जिनमें से कुछ हैं- शांति, प्रेम, पवित्रता, आनंद, सुख, शक्ति और सत्यता से भरे हुए पॉजिटिव और शक्तिशाली थॉट्स क्रिएट करना। अपने दिन की शुरुआत; परमात्मा और आध्यात्मिक ज्ञान का गहराई से चिन्तन और मंथन करने से आरंभ करना। और एक बहुत सुंदर दूसरा तरीका है- मेडिटेशन जिसके द्वारा आप आत्मा अपने परमात्मा के साथ संबंध स्थापित करते हैं।
आत्मा के विचारों और चित्रों की गुणवत्ता उसके संस्कारों पर निर्भर करती है। इसी के अनुसार, आत्मा विभिन्न प्रकार की सकारात्मक या नकारात्मक भावनाओं का
मानव आत्मा, एक सूक्ष्म (गैर-भौतिक) रंगमंच है, जहां दिन भर और यहां तक कि सोते समय भी विचारों और चित्रों का एक सूक्ष्म नाटक लगातार
कार्यस्थल पर ईमानदारी केवल एक पॉलिसी नहीं है, बल्कि हमारी सफलता और संतोष का कारण भी है। एक कर्मचारी जो ईमानदारी को महत्व देता है,
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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