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दैनिक जीवन में व्यवहारिक आध्यात्मिकता

March 21, 2024

दैनिक जीवन में व्यवहारिक आध्यात्मिकता

आध्यात्मिकता के बारे में एक गलत विचारधारा है कि, इसका अभ्यास करने से हम बाहरी दुनिया से अलग हो जाते हैं। जबकि सच यह है कि, आध्यात्मिक सिद्धांत हमें सही ढंग से सोचने, कर्म करने और जीवन जीने के सही तरीके से अवगत कराते हैं। इसलिए आध्यात्मिकता दैनिक जीवन से अलग कदापि नहीं है बल्कि रिएलिटी में यह हमें जीवन जीने का सही नजरिया सिखाती है। आध्यात्मिकता; माना बीइंग स्टेट में रहने से मनुष्य अपने ओरिजिनल गुणों और शक्तियों को अपनी प्रैक्टिकल लाइफ में यूज़ करके सशक्त बनता है।

  1. आध्यात्मिकता कुछ करने या कुछ बनने के बारे में नहीं है बल्कि यह केवल आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा, अपने रियल आत्मिक स्वरूप में रहते हुए अपने जीवन को सुखदायक बनाना है। आत्मा के सात ओरिजनल गुण; शांति, आनंद, प्रेम, पवित्रता, शक्ति, ज्ञान और सुख को अपनाना है।
  2. इसके लिए, आपको अपने निजी जीवन की जिम्मेवारियों को छोड़ना, लोगों से दूर रहना या पूरे दिन ध्यान लगाकर बैठने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि अपने परिवार के साथ, समाज के साथ रहते हुए अपने आत्मिक गुणों और शक्तियों द्वारा अपने लक्ष्य को पाने की दिशा में जीना है, लेकिन यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि, आपका हर विचार, शब्द और कर्म सोल कॉन्शियसनेस में हो। 
  3. आध्यात्मिकता का मतलब यह नहीं है कि, अच्छा महसूस करने के लिए एक घंटे के लिए योग करना और फिर दिन में अपनी सुविधानुसार कर्म करना। यह तो सुबह के समय अपनी आत्मा को चार्ज करके; उन गुणों और शक्तियों को पूरे दिन, अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में उपयोग में लाने के बारे में है।
  4. आध्यात्मिक ज्ञान व योग के माध्यम से अपनी आत्मा को नर्चर करना, योगयुक्त अवस्था में रहकर भोजन करना और नैतिक ढंग से आत्मिक स्थिति में रहते हुए कर्म करना। क्योंकि स्पिरिचुअल हेल्थ ही हमारे मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक और सामाजिक स्वास्थ्य  की नींव है।

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