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होली का आध्यात्मिक अर्थ (भाग 2)

March 25, 2024

होली का आध्यात्मिक अर्थ (भाग 2)

होली के पर्व पर, साफ-सुथरे सफेद कपड़े पहनना होली के एसेंस को दर्शाता है, जो इस बात का प्रतीक है कि, हम आत्माएं स्वच्छ और शुद्ध हैं। परम शक्ति परमात्मा की याद की अग्नि (होलिका दहन) में अपने विकारों को जलाने के बाद आत्मा पूरी तरह से शुद्ध हो जाती है। होली के रंग; शांति, आनंद, प्रेम, सुख, पवित्रता, शक्ति और ज्ञान जैसे हमारे ओरिजनल और प्राकृतिक आत्मिक गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम आत्माओं को सबसे पहले परमात्मा के निश्छल प्रेम और पवित्रता से जुड़कर स्वयं को रंगने की जरूरत है। फिर हम अपने विचारों, शब्दों और व्यवहार के माध्यम से उन्हें बाकी सभी आत्माओं पर छिड़कना है। रंगों से खेलना और दूसरे लोगों पर उन्हें छिड़कना यह दर्शाता है कि, हम अपनी शांति, करुणा और सद्भाव के स्थायी रंग हर आत्मा पर लगाते हैं। हम अपने आपसी मतभेदों को दूर करते हैं; एक-दूसरे को माफ करते हुए, प्यार और खुशी के रंगों में एकजुट होकर एक साथ आगे आते हैं।

 

हो ली का मतलब है आई बिलॉन्ग। हम पूरी तरह से परमात्मा से जुड़े होने की खुशी मनाते हैं। हो ली का अर्थ यह भी है कि, अतीत अतीत है, जो कभी वापस नहीं आएगा। इसलिए, हमें अतीत में रहना और दर्द भरी यादों में जीना या लोगों की गलतियों को पकड़े रहना, बंद करना होगा।। इंग्लिश शब्द; हो ली का हिंदी अनुवाद शुद्धता वा पवित्रता है। इसका मतलब है, हमारा हर कर्म शुद्ध और दिव्य होना चाहिए। तो होली का न केवल जश्न मनाएं बल्कि हर दिन होली के सच्चे अर्थों को जिएं।

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