मन को कंट्रोल करना (भाग 2)
हम सभी अपना जीवन बहुत सारे लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ जीते हैं और कभी-कभी जीवन के ये उद्देश्य हमारे मन और उसके विचारों पर
अब तक यह सभी को ज्ञात हो चुका है कि इस वर्ल्ड- ड्रामा में हम सभी एक्टर्स हैं, और विभिन्न-विभिन्न भूमिकाएँ निभाते हैं। इस जीवन का हर सीन, स्वयं की स्क्रिप्ट लिखने और उसपर अभिनय करने की मांग करता है, लेकिन, ज्यादातर हम अपनी स्क्रिप्ट्स पर ध्यान नहीं देते और इसके बजाय दूसरों की स्क्रिप्ट लिखने में बिजी हो जाते हैं जैसे कि उन्हें क्या कहना चाहिए, उन्हें कैसे व्यवहार करना चाहिए, उन्हें कैसे रेस्पोंड करना चाहिए इत्यादि…. हम उनके रोल में इतना उलझ जाते हैं कि हमें क्या करना है वो भूल जाते हैं। सभी लोग अपनी- अपनी स्क्रिप्ट स्वयं लिखते हैं, और वे हमारी उम्मीदों के अनुसार नहीं चल सकते। आईये इसके बारे में गहराई से जानें:
हम सभी अपना जीवन बहुत सारे लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ जीते हैं और कभी-कभी जीवन के ये उद्देश्य हमारे मन और उसके विचारों पर
हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण पार्ट है; अपने विचारों और भावनाओं को जैसे हम चलाना चाहते हैं वैसे चलाना। अधिकतर, हमारा
परमात्मा हमारे आध्यात्मिक माता-पिता हैं और वे इस ब्रह्मांड की सर्वोच्च आध्यात्मिक ऊर्जा हैं। कई सदियों से, विश्व के लाखों लोग परमात्मा से प्यार
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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