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मानसिक थकान को कंट्रोल करने के 5 उपाय (भाग 1)

हम सभी को अपनी बिजी दिनचर्या और फास्ट जीवनशैली में हर एक काम को बेहतर तरीके से करने के लिए, मन की शांति के साथ- साथ, अंतर्मुखता (introvert) की भी जरुरत है। तो, हमें अपने आप से पूछने की आवश्यकता है कि क्या मेरे मन में कम विचार होने चाहिए या फिर ज्यादा। आईये इसे एक कहानी के द्वारा समझें– कुछ लोगों का एक समूह जो अपनी पीठ पर भारी बोझ लेकर, एक देश से दूसरे देश पैदल यात्रा करते थे, उस थका देने वाली यात्रा के बाद, जब वे अपनी मंजिल पर पहुँचे, तब तक वे ऊर्जाहीन हो चुके थे और उनका उत्साह भी बहुत कम हो गया था। उनका काम ही सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का था। लेकिन क्योंकि हम सभी फिक्र से फ्री और लाईट जीवन जीना चाहते हैं| और पीठ के सामान के भारी बोझ की तरह, हमारा मन भी हमारे विचारों का भार उठाते हैं। तो हमारे विचार जितने कम और हल्के होंगे, हमारा मन उतना ही हल्का और उमंग- उत्साह में रहेगा। आइए, अपने मन को हल्का और आनंद में रखने के लिए पांच तकनीकों को जानें:

  1. एक समय में एक विचार पर ही फोकॅस करें – एक भय से भरा और चिंतित मन, जरुरत से ज्यादा और तेजी से सोचता है। इसके अलावा, ऐसा मन कभी-कभी नेगेटिव और भविष्य में कभी न घटने वाली घटनाओं को रिअल दिखाकर, हमारे विचारों  की गति को बढा देता है, और साथ ही ये अनुमान लगाकर उन समस्याओं को हल करने की कोशिश भी करता है जो अभी तक हुई नहीं हैं या हो सकती हैं। ये हमारी नेगेटिव सोच ही है। जबकि दूसरी ओर, पोजीटीव सोच वाला मन; भविष्य के लिए भरपूर आशा और दृढ़ संकल्पों के साथ पोजीटीव ही सोचता है। इसलिये जब हम सभी प्रकार की परिस्थितियों में, नियमित रूप से पोजिटीविटी को एप्लाई करते हैं तो हमारे दिमाग के सोचने की गति धीमी होकर, हमें तनावमुक्त, इजी और बेकार के मन के बोझों से मुक्त रखता है।

(कल जारी रहेगा…)

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