11th April Soul Sustenance Hindi

मानसिक थकान को कंट्रोल करने के 5 उपाय (भाग 2)

  1. दूसरों के बारे में तभी सोचें जब जरूरी हो – आमतौर पर हम सभी में दूसरों के बारे में सोचने की आदत होती है चाहे जरूरी हो या न हो । मान लीजिए, कि आपके ऑफिस का कोई वर्कर अपनी क्षमता अनुसार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है और उसकी इस अक्षमता का आपकी कंपनी के प्रदर्शन पर प्रभाव पडता हो, तो नेचुरली आप उसे सपोर्ट देकर सुधारने, आगे बढाने और कंपनी में उससे संबंधित लोगों से उसके काम के बारे में बात करेंगे । यहां पर हमें समझना होगा, कि क्या हम एक बार बात करने के बाद, जब भी उसे देखते हैं तो हर बार उसके बारे में नेगेटिव सोचना या फिर कंपनी में प्रत्येक वर्कर से उसके बारे में नेगेटिव बातें करना ही, व्यर्थ/ अनावश्यक है । हमारे जीवन में ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो अपने परिवार के सदस्यों, मित्रो और ऑफिस के सहकर्मियों के बारे में नेगेटिव विचार रखते हैं, तो क्या वे मन को नहीं थकाते हैं? तो हम सभी को अनावश्यक व व्यर्थ विचारों में प्रश्न चिन्ह (??) और विस्मयबोधक (!!) चिन्ह लगाने की बजाय, उसे फुल-स्टाप (.) लगाकर छोड़ देना चाहिए । अपने मन में कम से कम विचार लायें और दूसरों के बारे में नेगेटिव सोचने के बजाय, उनकी पोजिटीव विशेषताओं, गुणों और स्किल्स के साथ-साथ उनकी अच्छी पर्सनालिटी के बारे में सोचें, ताकि मानसिक थकान का अनुभव न हो ।
  2. अहंकार को त्यागकर, एक फ्री जीवन जिएं – हम सभी अपने जीवन में, किसी न किसी प्रकार के सूक्ष्म अहंकार का भार, भावनात्मक रूप से अपने मन या दिमाग पर ढोते रहते हैं। उदाहरण के लिए: आज सुबह मेरे कॉलेज में किसी विद्यार्थी ने या मेरे ऑफिस में किसी सहकर्मी ने, मेरे पहनावे पर नेगेटिव कमेंट किया। उसके कमेंट करने के बाद, पूरे दिन मैंने उससे दूरी तो बना ली, लेकिन मैं उसके कमेंट को अपने दिलो-दिमाग से नहीं हटा पाया हूं, जैसे कि यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा अपमान है। जहाँ अहंकार या अभिमान है, वहाँ अपमान भी अधिक महसूस होता है। इसके पीछे की सच्चाई है मेरी पोजिटीव इमेज मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और किसी के द्वारा किया गया थोड़ा सा भी अनादर, मुझे असहनीय लगता है। इसलिए मधुर, विनम्र और दयालु बनें, जो लोगों के कमेंट्स से अपने मन को भारी न करके सभी से प्यार करें। अपने जीवन में मधुरता और विनम्रता लाकर झुक जाने से, अपने आपको अपमानित महसूस करने के विचार बंद हो जाएंगे और आपका मन भी हल्का रहेगा ।

(कल जारी रहेगा…)

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14 May 2025 soul sustenance Hindi

परमात्म साथ से जीवन को बदलने वाले 5 लाभ (भाग 1)

हर सुबह परमात्मा से जुड़ने से मिलता है हल्कापन, शांति और आत्मविश्वास। तनाव और उलझनों में भी जब ईश्वर को समाधानदाता मानें, तो जीवन की राह आसान बन जाती है। जानिए ऐसे 5 लाभ जो आपके दिन की शुरुआत को बेहतर और सकारात्मक बना सकते हैं।

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13 May 2025 soul sustenance Hindi

कम बोलें, धीरे बोलें और मीठा बोलें

कम बोलना, धीरे बोलना और मीठा बोलना केवल एक कला नहीं, बल्कि प्रभावशाली कम्युनिकेशन की कुंजी है। जब हम शब्दों को सोच-समझकर बोलते हैं, तो वे सुनने वाले के दिल तक पहुंचते हैं।

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12 May 2025 soul sustenance Hindi

मुश्किल समय में लोगों से बात करें… उनके बारे में बातें न करें

रिश्तों में खुलकर बात करना क्यों ज़रूरी है? जानिए कैसे दूसरों से शिकायत करने की बजाय, अपने मतभेद सीधे उस व्यक्ति से शेयर करने से रिश्ते मजबूत बनते हैं। साथ ही, नेगेटिव वाइब्रेशन से कैसे बचें और पॉजिटिव संवाद से संबंधों को गहराई दें

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