लोगों पर शक ना करें, बल्कि भरोसा करें
हममें से कुछ लोगों को हमारे रिश्तों में दूसरों पर संदेह करने की सूक्ष्म आदत होती है। कभी-कभी इसका संबंध हमारी आदत के कारण ज्यादा
जीवन की यात्रा में हम किसी डिबेट या कॉन्फ्लिक्ट के चलते, उस स्थिति को कंट्रोल करने या उससे बचने के लिए साइलेंट हो जाते हैं, आपस में बातचीत करना बंद कर देते हैं। दिन या हफ्तों तक, आपस में कोई कम्युनिकेशन ना रखने से, सब कुछ अजीब और अनहेल्थी हो जाता है, क्योंकि हम नेगेटिव थॉट्स से घिरे रहते हैं, अपने आस पास के वातावरण को भी भारी कर देते हैं। क्या परिवार या दोस्तों के साथ, किसी बात पर बहस होने के काफी समय बाद भी, आपकी भावनाएं आहत रहती हैं? क्या आपके मन में गुस्सा और बदला लेने के गलत थॉट्स आते हैं? क्या आप घंटों, दिनों या महीनों तक एक-दूसरे से बात नही करते हैं? हममें से ज्यादातर लोग, अक्सर किसी भी कॉन्फ्लिक्ट या बहस होने के बाद, आपस में बात करना बंद कर देते हैं, और यह बिलीव करते हैं कि साइलेंस से हम अपनी बात मनवा सकते हैं, या फिर ये हमें शांत होने और स्थिति को समझकर महसूस करने का समय देता है। लेकिन, बातचीत न करने से मन और भी भारी होकर गलत थॉट्स पैदा करता है, दर्द में रहता है, बातों के जख्म हरे रहते हैं, और हम एक दूसरे को अस्वीकार करते हैं। ऐसे नेगेटिव वाईब्रेशन सभी के मन और शरीर के लिए हानिकारक हैं। तो आइए, इन मुद्दों को एक तरफ रखें, अपने अहंकार को छोड़े और अपने नॉर्मल थॉट्स, शब्दों और व्यवहार पर लौट आएं। हमें एक कदम आगे बढ़ाकर उनसे बात करने की जरूरत है जैसे कि, कुछ हुआ ही नहीं था। आखिर वे हमारे प्रियजन और शुभचिंतक हैं। उनकी भलाई हमारी प्राथमिकता है और हमारी भलाई उनकी प्राथमिकता है। किसी भी रिश्ते को बचाने के लिए, बातचीत करके चीजों को रिजॉल्व करना सबसे आसान तरीका है। यह एक दूसरे की खुशी और हेल्थ की वेल बीइंग के साथ साथ, हमारे घर और वर्क प्लेस के वातावरण और कल्चर को ठीक रखता है।
याद रखें, कि आप एक केयरिंग सोल हैं। अपने परिवार और दोस्तों की खुशी और स्वास्थ्य का ख्याल रखें। कभी-कभी उनकी राय हमारे विचारों से मेल नहीं खाती, हम अपना दृष्टिकोण रखते हैं लेकिन यदि वे अपने दृष्टिकोण को ही सही मानते हैं, तो वे आपसे असहमत होते हैं। इसलिए, आपको जो कुछ भी कहना है आराम से कहें। उनके दृष्टिकोण पर असहमत होने पर भी उनका सम्मान करें। ऐसी किसी भी सीन के तुरंत बाद अपने मन को साफ करें और उस सीन की एनर्जी को बदल दें। आपस में मतभेदों को एक स्वस्थ तरीके से सुलझाएं और कभी भी नेगेटिव थॉट्स के साथ साइलेंस में न जाएं। शांत और तनावमुक्त होकर, अपने सामान्य बिहेवियर में आ जाएं। अपने मन से उनसे तुरंत बात करें और उनके बात करने की प्रतीक्षा न करें। ऐसे व्यवहार करें, जैसेकि आप दोनों के बीच कुछ भी अप्रिय नहीं हुआ हो। आपका बिना शर्त प्यार और सम्मान उन्हें ठीक कर देगा। आपस के रिश्ते को ठीक करते हुए, सद्भाव में रहें।
हममें से कुछ लोगों को हमारे रिश्तों में दूसरों पर संदेह करने की सूक्ष्म आदत होती है। कभी-कभी इसका संबंध हमारी आदत के कारण ज्यादा
यदि हम अपने जीवन का अधिकांश समय अपनी विशेषताओं, अपने व्यक्तित्व या अपनी भूमिका को निभाने में या उनसे जुड़े रहते हैं, तो समय के
हम सभी को स्वयं को दूसरों के नजरिए से, दृष्टिकोण से देखने की आदत हो चुकी है, जो शारीरिक दृष्टिकोणों पर आधारित है और सांसारिक
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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