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11th march soul sustenance hindi

तनाव मुक्त जीवन के लिए 5 कदम (भाग 3)

स्टेप 4 – अपने मन की स्थिति का कंट्रोल किसी अन्य को न दें:  

आमतौर पर तनाव का कारण, अपने विचारों, भावनाओं और दृष्टिकोणों को नियंत्रित करने की अनुमति किसी अन्य व्यक्ति को देना है। कल्पना कीजिए कि यदि आपको बताया जाए, कि पूरे दिन आप किसी के कहने पर अपना हाथ उठाएं या फिर अपनी पलकें झपकाएं। क्या वह विचार आपको अजीब महसूस नहीं कराएगा? किसी व्यक्ति या किसी भी परिस्थिती को अपने विचारों को नियंत्रित करने की अनुमति न दें, जोकि फिर भावनाओं और दृष्टिकोण को जन्म देते हैं। अपनी स्थिति का कंट्रोल अपने हाथ में लें। इसका मतलब है कि, अपने विचारो को दूसरों के कार्यों या हमारे आस-पास होने वाले परिवर्तनों की वजह से नेगेटीविटी में न बदलने देना। लोगों के विचार नेगेटीव हो सकते हैं, परिस्थितियां हमारे अनुसार नहीं होंगी, लेकिन हमारे विचार हमेशा पोजिटीव, शांतिपूर्ण और शक्तिशाली होने चाहिए। जब हम हर पल अपने मन के मालिक होंगे, तब तनाव आपे ही दूर होने लगेगा। इसलिए तनाव-मुक्त रहने के लिए प्रतिदिन शक्तिशाली संकल्प रचें – मैं अपने स्वयं के थॉटस को कंट्रोल कर सकता हूं। मेरा हर थॉट/ संकल्प पोजिटीव  है। मैं किसी व्यक्ति या किसी भी नेगेटीव स्थिति को अपने मन पर हावी होने और इन सुंदर संकल्पों को कमजोर करने की अनुमति नहीं दूंगा। मैं हर परिस्थिती में नेगेटीव के बजाय सदैव पोजिटीव रिएकशंस को प्राथमिकता दूंगा।

स्टेप 5 – तनाव सामान्य है इस विश्वास को चेलेन्ज करें:

तनाव से मुक्ति तब होगी जब आप यह स्वीकार करना बंद कर देंगे कि थोड़ा सा तनाव अच्छा या सामान्य है। हम सभी तनाव के साथ जीने के आदी हो चुके हैं और इसे अपने मन या बुद्धि पर इतना हावी होने देते हैं कि यह मानसिक और भावनात्मक रूप से हमें परेशान करने लगता है। तनाव एक अननेचुरल भावना है। हमारे आसपास की दुनिया का वातावरण, उससे मिलने वाली जानकारी, आजकल की दुनिया द्वारा निर्धारित जीवन शैली; तनाव को सामान्य और अच्छा महसूस कराती है, साथ ही हमें समस्याएं और चुनौतियां सामान्य लगती हैं। और हमें तनावमुक्त जीवन और मन का हल्का होना असंभव लगता है। कुछ व्यक्ति मानते हैं कि तनाव रोमांचित करता है, लेकिन उन्हें ये याद रखना होगा कि लंबे समय की ऐसी स्थिति उन्हें और उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की प्रोग्रेस को कम करेगा। कुछ अन्य लोगों के लिए तनाव प्रेरक का काम करता है, लेकिन कभी-कभी यह उनके या उनके आसपास के लोगों पर हावी हो जाता है जिससे रिश्ते मुश्किल हो जाते हैं। कुछ समझते हैं कि तनाव हमें मजबूत बनाता है, लेकिन जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, यह मन और शरीर में बीमारियां पैदा कर आपको कमजोर करता है।

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