12th march soul sustenance hindi

अपने थॉटस/विचारों को समेटने की कला

जब हम अपने जीवन के एक सीन से दूसरे सीन के बारे में सोचते हैं, तो क्या हम अपने मन या बुद्धि में चलने वाले विचारों और भावनाओं का ख्याल रखते हैं? हर दिन हमारे विचार और भावनाएँ लोगों, घटनाओं और वस्तुओं के इर्द-गिर्द बिखरे रहते हैं जिसकी वजह से हमारा मन इस तरह के मानसिक बोझ को समेटने या उससे अलग होने के लिए संघर्ष करता रहता है।

आईये इन पर कार्य करें:

  1. अपने आप को समय दें, और चेक करें कि कितना मेंटल बोझ है – हम पाएंगे एक लंबी सूची, जोकि हमारे लिए सही या स्वस्थ नहीं हैं। जैसे कि रिश्तों में समस्याएं, कार्यस्थल पर चुनौतियां, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, लोगों से न पूरी होने वाली अपेक्षाएं, गपशप, सोशल मीडिया का भारीपन, दुनिया के नेगेटीव समाचार इत्यादि|
  2. यदि आप अपने इमोशंस (भावनात्मक सामान) को अच्छी तरह से समेट नहीं पाते तो आपके वर्तमान अनुभव आपके पास्ट से प्रभावित होते हैं, जोकि नेगेटीव या फिर गैरजरुरी हो सकते हैं। और यह आपको आज हुई हर बात या परिस्थिती में, उस पुराने पास्ट के फिल्टर के माध्यम से ही, लोगों के साथ बातचीत करने का अनुभव कराते है।
  3. रोज सुबह और रात को सोने से पहले मेडीटेट करें और स्वयं की चेकिंग करें, दिन में समय-समय पर अपने विचारों को चेक करें, ताकि आप अपनी समेटने की शक्ति बढ़ा सकें। ऐसा करने से आप दिनभर में व्यर्थ/ बेकार के चिंतन को रोक सकेंगे। और जो फायदेमंद नहीं है उसे छोड़ सकते हैं जैसे कि – पुरानी दुख-दर्द की बातें, लगाव, अपेक्षाएं, गलत आदतें, अंध विश्वास और बाहरी बातों से पडने वाले प्रभाव।
  4. अपने आस-पास के लोगों, वस्तुओं, धन और टेकनोलोजी के विभिन्न माध्यम, जो आपके पास है उसका भरपूर आनंद लें, लेकिन आसक्त न हों, नाही लगाव रखें। हर घंटे चेक करें, मन में आने वाले असहज विचारो और भावनाओं को और उनको रिलीस करें। लोगों को क्षमा करें, बातों को जाने दें और आगे बढ़ें। आगे की यात्रा का आनंद लें। अपने मन को साफ कर नए पोजिटीव अनुभवों को फील करें, जो आपको शांति, प्रेम, आनंद और शक्ति से भर देंगें।

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