
नकारात्मक विचारों को आध्यात्मिक शक्ति से बदलना (भाग 3)
आंतरिक शक्ति विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच जरूरी है। जानिए कैसे संस्कार बदलकर, मेडिटेशन और ईश्वर से जुड़कर अपनी आत्मशक्ति को मजबूत बनाएं।
सेल्फ रियलाईजेशन के द्वारा इस एवेअरनेस को समझना और स्ट्रेंथन करना कि मैं, एक आत्मा; एक नॉन फिजिकल एनर्जी जो इस फिजिकल शरीर से अलग हूं, इसे हम ड्राइवर और कार के एक सिम्पल उदाहरण द्वारा समझते हैं, जहां पर ड्राइवर एक स्पिरिचुअल एनर्जी और शरीर एक कार का प्रतिनिधित्व करता है जोकि, ड्राइवर रुपी स्पिरिचुअल एनर्जी द्वारा नियंत्रित होता है। आज हमारा अपनी कार रुपी फिजिकल शरीर और सेन्स ओरगंस पर नियंत्रण न होने का सबसे बड़ा कारण है कि, मैंने उस ड्राइवर की एवेअरनेस को खो दिया है जो इस शरीर को नियंत्रित कर नियमानुसार चला सकता है। इसके बजाय, मैं इस एवेअरनेस में रहने लगा कि, मैं (आत्मा) ही यह कार माना फिजिकल शरीर हूं। और इसकी वजह से मैं अपने शरीर रुपी वाहन को नियंत्रित करने के लिए, मेरे अंदर मौजूद क्षमताओं और शक्तियों को भी भूल गया। अब अगर मैं अपने सेन्स ओर्गंस पर नियंत्रण प्राप्त करना चाहता हूं, तो मुझे ड्राइवर की उस एवेअरनेस में रहना होगा यानि कि, मैं एक आत्मा हूं और मेरा शरीर एक वाहन है, जिसके माध्यम से मैं लाईफ का अनुभव करता हूं। इस एवेअरनेस में रहने से, मैं अपने शरीर पर आवश्यक नियंत्रण हासिल करने के लिए सशक्त और सक्षम बन पाउंगा।
हम अपनी कार को गियर, ब्रेक, एक्सीलेटर और स्टीयरिंग व्हील के द्वारा नियंत्रित करते हैं जिनकी तुलना आत्मा की सूक्ष्म इंद्रियों- मन, बुद्धि और संस्कार से और शरीर के सेन्स ओर्गंस आंखें, कान, नाक, हाथ और जीभ से की जा सकती है। एक अच्छा ड्राइवर बेहद सतर्क रहता है और अपने वाहन पर पूरी तरह से नियंत्रण रखने और किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए गियर, ब्रेक, एक्सेलेरेटर और स्टीयरिंग व्हील का प्रभावी ढंग से और कुशलता से उपयोग करने में सक्षम होता है। उसी तरह, जैसे-जैसे मैं अपने जीवन की राह पर आगे बढ़ता हूं, मुझे ऊपर बताई गई; अपनी सूक्ष्म और शारीरिक इंद्रियों को पूर्ण नियंत्रण में रखने की आवश्यकता होती है। यदि मैं ऐसा करता हूं, तो वे मेरी जीवन यात्रा को सुखद बनाए रखेंगे और मुझे सुरक्षित और सफलतापूर्वक मानसिक शांति और खुशी का अनुभव करने में मेरी मदद करेंगे। और यदि मैं ऐसा नहीं कर पाता हूं, उन्हें अपने ऊपर हावी होने देता हूं, तो निश्चित रूप मुझे अशांत और दुखी करने के लिए दुर्घटनाएं घटेंगी।
(कल भी जारी रहेगा…)
आंतरिक शक्ति विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच जरूरी है। जानिए कैसे संस्कार बदलकर, मेडिटेशन और ईश्वर से जुड़कर अपनी आत्मशक्ति को मजबूत बनाएं।
अपने मन को शांत, तरोताजा और पुनर्जीवित करने के लिए इन आसान उपायों को अपनाएं। हर दिन 15 मिनट योग करें, नकारात्मकता से बचें और सही संकल्प बनाएं। अपने विचारों को व्यवस्थित करें और जीवन को अधिक सुखद बनाएं।
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