17th feb soul sustenance - hindi

चेतना शुद्धि/ अवेयरनेस (भाग 3)

मन की पवित्रता आपके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है जिसे आपको अपने जीवन का लक्ष्य बनाना है। अतः आपका मन जितना अधिक शुद्ध होगा, आप अपने जीवन में उतनी ही अधिक सकारात्मक स्थितियों को आकर्षित करेंगे, जो आपको खुशी प्रदान करेंगी। लेकिन हमारे मन द्वारा पैदा किए गए गलत व अशुद्ध विचार पूरे ब्रह्मांड में नकारात्मक वाईब्रेशन्स फैलाते हैं और वही वाईब्रेशन्स दुखों के रूप में हमारे जीवन में आते है। अतः हमारे जीवन में होने वाले अनुभवों और घटने वाली परिस्थितियों का आधार; हमारी आत्मा व चेतना की पवित्रता है।

यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से अपने जीवन में घटने वाली नकारात्मक परिस्थिति का सामना शारीरिक बीमारियों के रूप में करता है जोकि उसके द्वारा पिछले जन्म में किए गए नकारात्मक कर्मो का परिणाम है जिससे नकारात्मक एनर्जी रिलीज होकर वर्तमान समय में उसके जीवन में नकारात्मक स्थिति के रूप में वापस आती है। अंततः आज ज़रूरत है कि हमारे विचार पवित्रता और सकारात्मकता से भरे हुए हों जैसे कि शांति, प्रेम, आनंद और शक्ति नाकि काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार । साथ ही, विचारो में आत्म-सम्मान, और अपने जीवन में नकारात्मक कर्मों की ओर ध्यान दे उनको शक्तिशाली और सफल विचारों में बदलना । इस प्रकार शुद्ध चेतना द्वारा सकारात्मकता भरी जीवन शैली हमें सही समय पर सही समाधान देती है और जादुई रूप से भी बीमारियों में चमत्कार कर दुखों का अंत कर सकती है। इसी तरह आर्थिक नुकसान की समस्या में भी हम हर सुबह की शुरुआत सकारात्मक ज्ञान और कुछ मिनटों के लिए मेडीटेशन के साथ कर सकते है, इससे हमारी चेतना स्वच्छ और स्पष्ट हो, नकारात्मक स्थितियों में बदलाव महसूस करना शुरू कर धन कमाने के नए सकारात्मक अवसरों को आकर्षित करेगी । हमारे जीवन का सार है कि हमारी प्रोफेशनल लाइफ में शांति और आनंद के अनदेखे खजानों की चाभी चेतना की स्वच्छता है।

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नकारात्मक परिस्थितियों में सकारात्मक बने रहने के 5 तरीके

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