क्रोध पर कंट्रोल पाने के 5 उपाय (भाग 1)

क्रोध पर कंट्रोल पाने के 5 उपाय (भाग 1)

आजकल, सुबह से लेकर रात तक हम सभी एक ऐसा जीवन जी रहे हैं, जहां पर किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए हम क्रोध या एंगर को एक आसान रिएक्शन के रूप में चुनते हैं। एक बार एक डॉक्टर अपने क्लिनिक में एक मरीज से बात कर रहे थे, तो उन्होंने उससे पूछा कि, आप एक दिन में कितनी बार गुस्सा करते हैं? तो उस व्यक्ति ने जवाब दिया कि, मैंने कभी गिनती नहींकी, लेकिन शायद एक भी दिन ऐसा नहीं जाता, जब मैं अपनी पत्नी, बच्चों या नौकरानी या फिर यहां तक कि किसी दुकानदार पर गुस्सा नहीं करता या अपना आपा नहीं खोता। डॉक्टर ने फिर पूछा कि, क्या आपने कभी सोचा है कि, गुस्से के हर एक मोमेंट के बाद आपके अंदर क्या चल रहा होता है? क्रोध या फिर उससे संबंधित फीलिंग्स का एक सेकंड भी हमारे शरीर में नेगेटिव केमिकल्स और हार्मोन को  सिक्रीट करने लगता है। यह लगातार हमारे शरीर को नुकसान पहुँचाता है और हमारे नेगेटिव मन की वजह से, हमें रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), मधुमेह (डायबिटीज़), डिप्रेशन, अनिद्रा और यहाँ तक कि कैंसर जैसी साइकोसोमेटिक बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा, हमारे मन में चलने वाले नेगेटिव मूड जैसे कि; नफरत, बदले की भावना, एग्रेशन या फिर अन्य टॉक्सिक बिहेवियर के एक छोटे से मोमेंट के बाद, हमारे रियल पॉजीटिव गुण जैसे कि; शांति, प्रेम और खुशी कई घंटों के लिए कम हो जाते हैं। तो आइए, जानें कि कैसे हम अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं:

  1. जो आप नहीं बदल सकते, उसे बदलने की कोशिश न करें – बहुत बार हम अपने जीवन के उन सीन को बदलना चाहते हैं या बदलने की कोशिश करते हैं जिनपर हमारा कोई कंट्रोल नहीं होता। हमारे जीवन में विभिन्न परिस्थितियां या लोगों के व्यवहार, जो हमारी इच्छा के अनुसार नहीं होते हैं उसको हम नेगेटिव और गुस्से वाली फीलिंग के साथ रिएक्ट करते हैं। जब हम अपनी लाईफ का सीन बदल नहीं पाते, तो निराश महसूस करते हैं और समझते हैं कि चीजें हमारे कंट्रोल में नहीं हैं। उस समय, स्वयं को याद दिलाएं कि, इस जीवन में सब कुछ हमारी इच्छाओं के अनुसार नहीं हो सकता। साथ ही, जितना अधिक हम खुद को पॉजीटिव बनाएंगे, उतना ही हमारी ये पॉजिटिविटी आस पास के सीन और सिचुएशन को बदल देगी। इसलिए, यह चाहना रखना कि, किसी विशेष व्यक्ति में कोई विशेष गुण या कोई सिचुएशन पॉजीटिव होनी चाहिए, स्वयं को उस विशेष गुण या पॉजिटिविटी से भरकर अपने चारों ओर रेडिएट करें। इस तरह करने से आप लोगों को, सिचुएशन को स्वीकार करेंगे नाकि एक्सपेक्ट करेंगे, क्योंकि चाहना रखना ही गुस्से से भरी भावनाओं का आधार है।

(कल जारी रहेगा…)

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