धन के साथ दुआएं भी कमाएं
धन कमाना जितना ज़रूरी है उतना ही उस धन से शारीरिक सुख-सुविधाएं खरीदना भी। लेकिन धन केवल एक मुद्रा नहीं है, बल्कि यह एक ऊर्जा
प्रतिदिन अपने मन में परमातम ज्ञान की याद बनाए रखें – परमात्मा हर दिन हमें सुंदर ज्ञान सुनाता है, जिसे हम पढ़ते हैं और अपनी डायरी और दिल में नोट कर लेते हैं। इसे नोट करने के बाद हम दिन में कई बार इसका रिवीजन करते हैं और हमारा मन इसे बार-बार सुनता है। फिर हम जीवन की हर परिस्थिति में ज्ञान के पोइंटस को एप्प्लाई करते हैं और ज्ञान के महासागर- परमात्मा की संतान- मास्टर ज्ञान सागर बन जाते हैं।
परमातम ज्ञान का मनन और विजुलाइज करके मेडीटेट करें – परमात्मा के द्वारा दिये गये ज्ञान के पोइंटस को सुनें, गहराई से मनन- चिंतन कर, उसे एक चित्र के रूप में, अपनी चेतना में विजुलाइज कर एक सुंदर आकार दें। परमात्मा सर्वोच्च शिक्षक हैं और उनके द्वारा दिया गया ज्ञान बहुत कीमती और रहस्यों से भरा हुआ है। परमातम ज्ञान को अपना निजी खजाना बनाने का सबसे सुंदर तरीका मेडीटेशन है।
पोजिटिवीटी और पवित्रता का आधार: परमातम ज्ञान – जब हम एक पोजिटीव मन और शुद्ध बुद्धि के आधार पर अपने विचार, भावनाएँ, दृष्टिकोण, दृष्टि, बोल चाल और कर्म करते हैं तो उस सुंदर रिफ्लेकशन का आधार हमारे अंदर का परमातम ज्ञान होता है। और तब ही हम जीवन की हर परिस्थिति और संबंध को, ज्ञान की आंखों द्वारा परख पाते हैं।
ज्ञान के प्रत्येक मोती/ पोइंटस को दूसरों के साथ भी शेअर करें – परमातम ज्ञान; एक सबसे अच्छा उपहार जो हम अपने परिवार के सदस्यों, अपने दोस्तों और अपने कार्यालय के सहयोगियों को दे सकते हैं, और अपने अंदर भी इसकी अनुभूति कर सकते हैं। आज के समय में, लगभग हर आत्मा तनावग्रस्त और दर्द में है। ज्ञान; शांति और खुशी का आधार है, और आत्मा के लिए प्रकाश की तरह है जो उसको अपने विचारों और व्यक्तित्व को चेक करने और बदलने में मदद करता है।
दिन के अंत में अपनी प्रोग्रेस को चेक करें और निर्णय लें – पूरे दिन की व्यस्तता के बाद, दिन को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है कि ज्ञान के दर्पण में प्रोग्रेस की चेकिंग करें कि कोई गलती तो नहीं हुई है। हमारे नेगेटीव सोच- विचार, बोल चाल और उसके अनुसार किये गये कर्म वो गलतियाँ हैं जो ज्ञान के अनुरूप नहीं हैं। इसलिये स्वयं की चेकिंग कर, अगले दिन के लिए अपनी गलतियों को सुधारने का निर्णय लें।
धन कमाना जितना ज़रूरी है उतना ही उस धन से शारीरिक सुख-सुविधाएं खरीदना भी। लेकिन धन केवल एक मुद्रा नहीं है, बल्कि यह एक ऊर्जा
जब हम भावनात्मक रूप से आहत या दुखी होते हैं, तो हम अक्सर दूसरों को ताने वा कटाक्ष मारते हैं ताकि हम खुद को बेहतर
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अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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