लोगों की आलोचनाओं पर ध्यान न दें
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
जैसा कि कल के संदेश में चर्चा की गई थी; आमतौर पर किसी व्यक्ति के प्रति हमारा दृष्टिकोण व् नज़रिया, कई बार इस बात पर निर्भर करता है कि, हम दूसरे लोगों से उनके बारे में क्या सुनते हैं। इसके अलावा दूसरी ओर, एक व्यक्ति जो पॉजीटिव एटीट्यूड वाला है, वह चाहे जो कुछ भी सुने, उससे प्रभावित नहीं होगा| वह उस व्यक्ति के बारे में सब कुछ जानकर या आवश्यकता पड़ने पर, दूसरे व्यक्तियों से भी उसके बारे में सुनकर, वह संतुलन बनाए रखते हुए अपने दृष्टिकोण पर दॄढ़ रहेगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कभी-कभी किसी विशेष भूमिका में, जीवन के किसी भी क्षेत्र में, किसी व्यक्ति के बारे में दूसरों से भी राय मांगना जरुरी हो जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि, हमें दूसरे व्यक्ति के बारे में चर्चा व् गपशप करनी चाहिए। परन्तु, यह कई बार ग़ैरजरुरी भी हो सकता है, क्योंकि लोग गलत फीडबैक भी देते हैं। लेकिन हर बार भी यह सच नहीं होता, क्योंकि कई बार फीडबैक सही हो सकता है और साथ ही नेगेटिव भी। लेकिन, किसी विशेष व्यक्ति के बारे में जानकारी रखना भी महत्वपूर्ण होता है जिससे कि आप उस व्यक्ति या उस व्यक्ति से जुड़ी स्थिति को ठीक करने के लिए सही कदम उठा सकें।
उस समय, आप अपने विवेक और निर्णय की शक्ति का उपयोग, यह जानने के लिए करें कि, आप जो सुन रहे हैं वह सच है या नहीं, क्योंकि आपके साथ जानकारी साझा करने वाला व्यक्ति गलत भी हो सकता है, या जानबूझकर झूठ बोल सकता है क्योंकि वो स्वयं सही और विवेक पूर्ण निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। साथ ही, कभी-कभी, दूसरे व्यक्तियों द्वारा मिली जानकारी को अस्वीकार करा जा सकता है, लेकिन यदि यह संभव नहीं है, तो उन्हें सुनें, पर उसका नेगेटिव प्रभाव् अपने ऊपर न होने दें। दूसरे शब्दों में, न तो आपको उस जानकारी से परेशान होना चाहिए और, न ही आपको उस जानकारी को दूसरों के साथ साझा करना चाहिए। और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि, जिस व्यक्ति के बारे में आपको जानकारी दी गई थी, उसके प्रति आपका दृष्टिकोण नहीं बदलना चाहिए। वरना, आपके दृष्टिकोण में परिवर्तन होने से, उस व्यक्ति के प्रति आपका व्यवहार भी बदल जाता है, जिसके परिणामस्वरूप उसके साथ आपके संबंध भी नेगेटिव रूप से प्रभावित होते हैं। तो, जिस व्यक्ति के बारे में हम नेगेटिव बात सुनते हैं, उसके प्रति पॉजीटिव दृष्टिकोण कैसे रखें, इसके बारे में कल के संदेश में जानेंगे।
(कल जारी रहेगा…)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
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