परिस्थितियों में सिचुएशन -प्रूफ बनना (भाग 1)

परिस्थितियों में सिचुएशन -प्रूफ बनना (भाग 1)

हम अपने जीवन में हर कदम पर एक नया सबक सीखते हैं। लेकिन, समय- समय पर वास्तविक जीवन की परिस्थितियाँ हमें कुछ न कुछ सिखाने के लिए, हमारे जीवन में इस तरह के प्रश्न लाती हैं – कि किसी प्रियजन की मृत्यु या किसी के साथ अलगाव होने पर. मैं उसके बिना जीवन कैसे जीऊँगा, अचानक क्रिटीकल बीमारी या वित्तीय हानि या जीवन में होने वाली अन्य घटनाओं के बारे में सोचना-कि ये मेरे साथ ही क्यों हुआ, या फिर मुझे जीवन की कठीन परीस्थितीयां – जो मेरी मानसिक शक्ति को चुनौती देती है उनमें वांछित सफलता कब मिलेगी? या मैंने अपने पिछले जन्मों में ऐसा क्या किया, जिसके कारण मुझे अपने किसी प्रियजन से प्रेम और सम्मान नहीं मिलता; जिसका मैं पात्र हूँ?

हम सभी वाटर प्रूफिंग के बारे में जानते हैं, जैसे बारिश में रेन कोट हमारा बचाव करता है। उसी तरह से सिचुएशन -प्रूफिंग है जो हमारे जीवन में, समय-समय पर आने वाले हालातों/चुनौतियों में, स्वयं को उसके अनुसार ढालकर, कठिन परिस्थितियों को समझने के तरीके में महत्वपूर्ण पोजिटीव बदलाव लाकर सिचुएशन -प्रूफ बनाती हैंसिचुएशन प्रूफ अर्थात् परिस्थितियों के प्रभाव से मुक्त, चिंतामुक्त बनना। हम सभी के जीवन में कई प्रकार की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ आती हैं और ये परिस्थितियाँ; जैसे कि कभी-कभी किसी सहकर्मी द्वारा यथायोग्य सम्मान न मिलना- मेरे क्रोध, ईर्ष्या व अहंकार जैसे नेगेटिव रिएक्शन को बढा देता है; साथ ही, जीवन में कभी-कभी कोई चुनौतीपूर्ण या कठिन कार्य करने होंगे; कभी-कभी लोगों के साथ मुश्किल रिश्ते होंगे या किसी के साथ टकराव होगा, या फिर कभी-कभी शारीरिक बीमारी भी होंगी इत्यादि।

(कल जारी रहेगा…)

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16 May 2025 soul sustenance Hindi

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