
ईज़ी रहें, बिजी नहीं
“क्या आप हमेशा ‘मैं बहुत बिजी हूं’ कहते हैं? यह आदत आपकी कार्यक्षमता और खुशी को कैसे प्रभावित करती है, जानें। आइए, बिजी से ईज़ी बनने का मंत्र अपनाएं और समय की कमी से मुक्त होकर जीवन का आनंद लें!”
हम में से हर कोई एक व्यवस्थित जीवन शैली पसंद करता है। स्वच्छता और सुव्यवस्थिता हमारे मूल संस्कार हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि हमारे आस-पास की हर चीज साफ-सुथरी हो – हमारा घर, ऑफिस, वर्क-डेस्क, हमारे कंप्यूटर या फोन की फाइलें, अलमारी, बगीचा इत्यादि। बहुत से लोगों का नियमित सफाई कार्यक्रम भी होता है। वैसे भी, जब हम चारों ओर की वस्तुओ/चीजों को बेतरतीब ढंग से पड़ा हुआ पाते हैं, तो हम उन्हें तुरंत व्यवस्थित करना पसंद करते हैं। लेकिन क्या हमनें अपने अंदर की अव्यवस्थित दुनिया को कभी जाना, समझा या ठीक करने की कोशिश की है ? हमने कब आखिरी बार अपने मन से बात की, उसे व्यवस्थित किया था ताकि हम उस विचार या भावना तक जल्दी पहुंच सकें जिसको हम यूस करना चाहते हैं? हमारे मन में सही और गलत विचार भरे हुए है। तो हम चेक कर सकते हैं कि जब हम किसी एकटीविटी पर काम कर रहे होते हैं, तो हमारा मन और बहुत सारे विचार पैदा करता है वो या तो वर्तमान कार्य के बारे में, समान कार्य के पिछले अनुभवों के बारे में, कार्य से संबंधित लोगों के बारे में या पूरी तरह से अलग ही कार्य के बारे में होते हैं। इसके परिणाम के रूप में हमारे कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। और हम यह नहीं समझ पाते हैं कि कर्म करते समय हमारे अंदर की स्थिति कैसी हैं, हमें थकान क्यों महसूस होती है या किसी गतिविधि को पूरा करने में अधिक समय क्यों लगता है?
अधिकांशतः जॉब करने वाले व्यक्ति अपने कार्यस्थल पर दिन में 8-10 घंटे बिताते हैं। लेकिन क्या कभी हम चेक करते हैं कि उन घंटों में वास्तव में कितना क्वालीटी वर्क किया गया है? इससे हम जान सकेंगे कि हमारे मन और बुद्धि का भावनात्मक स्वास्थ्य कैसा है? हममें से कुछ लोगों को, हर कुछ मिनटों में सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर संदेश पढ़ने की, अपने फोन या कंप्यूटर (इंटरनेट) को चेक करने की आदत होती है। इससे न सिर्फ हमारे गैजेट्स बल्कि हमारे दिमाग में भी सूचनाएं भरी होती है। इन्फोरमेशन (जानकारी) से विचार पैदा होते है और बार बार जानकारी लेने से हमारा मन एक ही तऱह के बहुत सारे विचार पैदा करना शुरू करता है जिससे हमारी आंतरिक शक्तियां कम होती जाती है। इसलिये दिन में नियमित अंतराल पर सकारात्मक सूचनाओं का आदान-प्रदान और साथ ही अनावश्यक सूचनाओं को न ग्रहण करने से हम अपने कार्य को ज्यादा एकाग्रता, मानसिक रूप से अथक और एकटीव तरीके से परफेक्टली कर सकेंगें।
“क्या आप हमेशा ‘मैं बहुत बिजी हूं’ कहते हैं? यह आदत आपकी कार्यक्षमता और खुशी को कैसे प्रभावित करती है, जानें। आइए, बिजी से ईज़ी बनने का मंत्र अपनाएं और समय की कमी से मुक्त होकर जीवन का आनंद लें!”
भाई-बहनों की प्रतिस्पर्धा को आध्यात्मिक समझ से समाप्त करें। तुलना और ईर्ष्या को छोड़कर प्रेम, सम्मान और आत्म-संतोष को अपनाएँ। ✨🕊️
मेडिटेशन केवल अभ्यास नहीं, बल्कि परमात्मा से जुड़े रहने का एक तरीका है। ध्यान द्वारा आध्यात्मिक पोषण प्राप्त करें और दिव्यता बढ़ाएँ। 🌿✨
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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