सुंदर और खूबसूरत रिश्ते - रोड टू सक्सेस (भाग 3)

सुंदर और खूबसूरत रिश्ते - रोड टू सक्सेस
(भाग 3)

  1. हम सभी अपने जीवन में स्थायी और मजबूत रिश्तों की चाहना रखते हैं, लेकिन उन्हें प्राप्त करने के लिए कभी भी उन रिश्तों से जुडे लोगों के व्यक्तित्व को बदलने के बारे में न सोचना ही सच्चे रिश्ते निभाना है। अगर लोगों के अंदर गुस्सा और अहंकार है तो, कोई भी रिश्ता सफल और प्रोब्लेम फ्री नहीं हो सकता। किसी भी रिश्ते में स्वयं को ढालना और हर कदम पर ‘गुस्से और अहंकार’ इन दो नकारात्मक लक्षणों को दूर करके ही, लोगों के दिल करीब आकर आपस में सुंदर रिश्तों में बंधते हैं। आप अपने रिश्तों में लोगों को कितना भी प्यार बांटे, लेकिन अगर कभी-कभी आपका व्यवहार उनके प्रति गुस्से या अहंकार से भरा हुआ है, तो उस प्यार का कोई मतलब नहीं रह जाता। कई बार, लोग अपने प्रियजनों को बहुत सारे उपहार देते हैं, वेकेशन पर या पार्टी में जाते हैं, एक साथ डिनर करते हैं या फिर एक-दूसरे का जन्मदिन, शादी की सालगिरह और अन्य महत्वपूर्ण दिन भी साथ में मनाते हैं। लेकिन ये सभी बातें अस्थायी हैं और किसी भी रिश्ते को स्थायी खुशी नहीं दे सकतीं हैं, अगर कोई एक किसी एक के देर से घर आने पर गुस्सा हो जाता है या फिर फोन न करने पर अहंकार में आ जाते हैं। किसी भी रिश्ते में दो लोगों के बीच संपूर्ण विश्वास और भरोसा ही निश्चल प्रेम का आधार है और वहां आपस में कभी भी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप नहीं होता। अगर हम आपस में बिना किसी सन्देह व अविश्वास, के नम्रता और मधुरता से बात भी नहीं कर सकते, तो किसी और समय पर दिये गये उपहार किस काम के हैं?
  2. आखिर में संदेश से संबंधित बातों में, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, आजकल ज्यादातर रिश्तों में एक-दूसरे के साथ क़्वालिटी टाईम व्यतीत करने का अभाव हो गया है। प्रेजेंट समय में महिला और पुरुष दोनों के जीवन में प्रोफ़ेशनल लक्ष्य और जीवन के प्रति उनकी अलग-अलग प्राथमिकताएं भी, कभी-कभी लोगों को एक-दूसरे से दूर रखती हैं। हम सभी जानते हैं कि, एक-दूसरे के साथ समय बिताना और परिवार के अन्य सदस्यों से संबंधित समस्याओं पर मिलजुल कर चर्चा करना और फिर उन्हें हल करने की कोशिश करना ही, हमारे रिश्तों को खूबसूरत बनाता है। इसलिए, एक-दूसरे के साथ भोजन करने का समय और शाम को कुछ समय साथ में व्यतीत करने का टाइम फिक्स करें। साथ ही, अपने घर और ऑफिस में दिए जाने वाले समय के साथ-साथ; दिनभर में समय निकाल कर एक-दूसरे से बातें करना और अपने परिवार के साथ समय बिताने के बीच संतुलन बनाए रखने से ही, रिश्तों को खुशियों से भरपूर बनाकर संवार सकते हैं।

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