परमात्मा को पत्र लिखना

परमात्मा को पत्र लिखना

अध्यात्म (spirituality) की एक बहुत सुंदर साधना है, रात को सोने से पहले या दिन में किसी भी समय; अपनी दैनिक एक्टिविटी के बारे में, परमात्मा को पत्र लिख कर बताना। परमात्मा, एक बहुत ही सुंदर और सम्पूर्ण देखभाल करने वाले सर्वोच्च माता-पिता हैं जो हमेशा हमारी रक्षा करते हैं और हर पल हमारी मदद करते हैं। दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो कभी-कभी सोचते हैं कि, परमात्मा ज्ञान का सागर है और वे हमारे जीवन में होने वाली हर बात के बारे में पहले से ही जानते हैं, तो फिर हम उनसे क्यों कुछ कहें? हमारा अपने परमात्मा के साथ एक गहरा रिश्ता है और इसके सबसे महत्वपूर्ण आयाम और हमारे उनसे डीप प्यार और सम्मान के रुप में, हमें उन्हें प्रतिदिन; उस बीते हुए दिन के बारे में और आने वाले दिन के बारे में 5-6 लाइन्स लिखकर बताना चाहिए, ताकि वह अपनी सर्वोच्च बुद्धि और विवेक से हमारा मार्गदर्शन करें। तो हमें ऐसा पत्र कैसे लिखना चाहिए? आइए उससे संबंधित 5 अहम बातों के बारे में जानें –

  1. एक व्यक्ति के रूप में अपनी प्रोग्रेस के बारे में, अपनी कमजोरियों और ताकत के बारे में और, अपनी कमजोरियों को दूर करने के बारे में और अपनी ताकत को और बेहतर करने के बारे में; परमपिता परमात्मा को एक क्लियर दृष्टिकोण दें| 
  2. अपने जीवन की पॉजिटिव और नेगेटिव; दोनों तरह की परिस्थितियों के बारे में उन्हें बताएं और उनसे पूछें कि, पॉजिटिव परिस्थितियाँ आपको कैसे लाभ पहुँचा सकती हैं और नेगेटिव परिस्थितियों पर कैसे काबू पाया जा सकता है?
  3. इसके अलावा, अपने आध्यात्मिक अनुभवों को उनके साथ साझा करें, और उनके द्वारा मिलने वाले ज्ञान – प्रकाश और इनसाइट के द्वारा उन्हें और बेहतर बनाकर, आध्यात्मिक पथ का अधिक आनंद ले सकें।
  4. परमात्मा को अपने जीवन के हर सम्बन्ध के बारे में बताऐं और उनसे राय लें कि, उन्हें और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है? और कैसे अपने करीबी लोगों को परमात्मा से जोड़कर, उनके जीवन को आध्यात्मिकता के गुण से सुंदर बनाऐं ।
  5. अंत में, हमेशा अपने पत्रों के माध्यम द्वारा परमात्मा के प्रति अपना प्रेम व्यक्त कर, उनके साथ अपने बंधन को मजबूत करें। तो जितना अधिक आप ऐसा करते हैं, उतना ही अधिक आपको उनके प्रेम की अनुभूति होगी और, उनका आध्यात्मिक पोषण आपको और अधिक परिपूर्ण और पॉजिटिव व्यक्तित्व का मालिक बनाएंगे।

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