
संबंधों को सुंदर बनाएं, अहंकार को त्यागें (भाग 1)
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
कभी-कभी जब हम लोगों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरते, तो स्वयं को बोझिल महसूस करते हैं। हमारे जीवन में हमारे माता-पिता, शिक्षकों, दोस्तों, जीवनसाथी, कार्यालय के सहयोगियों, बच्चों और कई अन्य लोग हमसे अपेक्षाएँ रखते हैं। वे उसके अंतर्गत, हमारी पसंद और निर्णयों को भी कंट्रोल करने लगते हैं। हममें से बहुत लोग, दूसरो की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करते हैं, लेकिन ज्यादातर पूरी तरह सफल नहीं हो पाते हैं। हम हर समय हर किसी को खुश नहीं रख सकते, इसलिए उनकी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करना हमें थका सकता है। आईये इसके विषय में बारीकी से समझें-
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
क्या आपका आत्म-सम्मान हार और जीत पर निर्भर करता है? इसे बदलें! खुद को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने का तरीका जानें, आत्मा की शक्ति को पहचानें, और हर कर्म को खुशी से करें।
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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