अंतर्मन के रावण को जलाकर स्वतंत्रता का अनुभव करना (भाग 1)
दशहरा का आध्यात्मिक संदेश – 12 अक्टूबर दशहरा; बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है, जिसे श्रीराम और रावण के बीच के युद्ध
हममें से कुछ लोगों को; अपने रिश्तों में, सम्बंधों में लोगों पर शक/ संदेह करने की आदत होती है। कभी-कभी किसी व्यक्ति, स्थिति के बारे में हमारा संदेह करना हमारी आदत बन जाता है। लेकिन हमारे ये हानिकारक संदेह, असुरक्षा, भय और चिंताएँ न केवल हमारे मन को अशांत करते हैं, बल्कि उस व्यक्ति को भी हमसे दूर कर देते हैं। आईये इसके बारे में कुछ और तथ्यों को जानें:
दशहरा का आध्यात्मिक संदेश – 12 अक्टूबर दशहरा; बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है, जिसे श्रीराम और रावण के बीच के युद्ध
कल के संदेश में हमने बाहरी प्रभावों पर चर्चा की थी। आइए, आज कुछ आंतरिक प्रभावों के बारे में जानते हैं जो हमारे विचारों को
एक महत्वपूर्ण पहलू जो हमें ध्यान केंद्रित करने के स्वस्थ और सकारात्मक अनुभव में बने रहने नहीं देता, वे हमारे जीवन में हम पर पड़ने
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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