
आंतरिक सुंदरता (इनर ब्यूटी) के तीन दर्पण (भाग 4)
तीसरा दर्पण; आपके स्वयं के थॉट्स, बोल और कर्मों का दर्पण है, जो आप अपने और दूसरों के बारे में सोचते और महसूस करते हैं;
इन संदेशों में बताए गये 4 विषयों के आधार पर राजयोग बनता है और ये हमें स्वयं परमात्मा द्वारा सिखाए जाते हैं। दुनिया भर में कई आत्माएं राजयोग को अपना कर अपना जीवन बदल रही हैं। राजयोग भारत के सभी ब्रह्माकुमारीज केंद्रों और 120 से अधिक देशों में सिखाया जाता है, और दुनिया भर की आत्माएं इन चार विषयों को अपनी डेली लाईफ में अपनाकर इससे लाभान्वित हो रही हैं। जो कोई भी ब्रह्माकुमारीज़ से जुडकर राजयोग का अभ्यास करता है, उसकी दैनिक दिनचर्या घर पर सुबह के समय मेडीटेशन के अभ्यास से शुरू होती है, फिर वे तैयार होकर निकटतम ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र में जाकर आध्यात्मिक ज्ञान सुनते हैं, उसके बाद, हर कोई परमात्म याद में अपने दैनिक कर्म जैसे कि; परिवार की देखभाल करना, अपने कार्यालय या कार्यस्थल पर जाना, घर की अन्य गतिविधियाँ करना और अपने शरीर की देखभाल करना आदि पूरा करते हैं। साथ ही, शुद्ध खान-पान और जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदतों के माध्यम से हर राजयोगी शुद्ध जीवनशैली अपनाता है। राजयोगी जीवन का उद्देश्य; स्वयं की आत्मा को शुद्ध करना और अन्य आत्माओं को भी स्वयं को शुद्ध करने के लिए मार्गदर्शित करना है।
तीसरा दर्पण; आपके स्वयं के थॉट्स, बोल और कर्मों का दर्पण है, जो आप अपने और दूसरों के बारे में सोचते और महसूस करते हैं;
पिछले दो दिनों के संदेशों द्वारा; हमने आंतरिक सुंदरता के प्रथम दर्पण – आध्यात्मिक ज्ञान के दर्पण को जाना। हमारा दूसरा दर्पण है; योग का
कल के सन्देश में हमने पहले दर्पण, आध्यात्मिक ज्ञान के दर्पण की चर्चा की थी। यह दर्पण आपको परमात्मा को भी दिखाएगा और साथ ही
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