अपनी लिमिट्स (सीमाओं) और मेंटल बैरियर से ऊपर उठें (भाग 3)
जब हम अपने मन में किसी भी प्रकार की मेंटल लिमिट्स तय कर लेते हैं, तो सबसे पहले जरूरी है कि, हम स्वयं के भीतर
जीवन में होने वाले उतार – चढाव में अपनी स्थिति, को चेक करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण यंत्र (tool) है, स्पिरिचुअल पावर मीटर। जिसे हम अपनी दिनचर्या में प्रयोग करना भूल जाते हैं इसका अर्थ यह है कि जीवन की किसी भी कठिन परिस्थिति में, आध्यात्मिक शक्तियों (स्पिरिचुअल पावर) का प्रयोग करके उस स्थिति पर काबू पाने में कितना सफल रहे। मुख्य 8 आध्यात्मिक शक्तियाँ है- सहन करने की शक्ति, समाने की शक्ति, सामना करने की शक्ति, समेटने की शक्ति, परखने की शक्ति, निर्णय करने की शक्ति, अंतर्मुखता की शक्ति और सहयोग करने की शक्ति।
आइये इनको एक उदाहरण से समझें – मैं भीड़-भाड़ वाली सड़क पर अपनी कार चला रहा हूं और अचानक मेरी कार को दूसरी कार के ड्राइवर ने पीछे से टक्कर मार दी जिससे मेरी कार पर एक बड़ा डेंट पड़ गया। हम देखते हैं कि ऐसा हादसा बहुत बार बड़े- बड़े शहरों में होता रहता हैं, ऐसी परिस्थिती में लोग कार से बाहर निकल कर दूसरे कार चालक से झगडा करेंगे, फिर वे उससे कुछ हजार रुपये की मांग करेंगे। कभी-कभी, ऊंची आवाज में बात- चीत के साथ आपस में लड़ाई भी हो सकती है और कभी-कभी अत्याधिक क्रोध के आवेश में मार- पीट के बाद चोट या मृत्यु तक भी हो सकती है। अब दूसरी तरफ इसी तरह की परिस्थिति में पहला वाला कार चालक शांत रहेगा और क्रोधित होकर लड़ने के बजाय दूसरे ड्राइवर को माफ कर, चुपचाप अपने रास्ते चला जाएगा| तो एक जैसी स्थिति में पहला व्यक्ति दूसरे से कैसे अलग हैं जिसके कारण उनके रिएक्संस इतने अलग हैं? ऐसी स्थिति में; ऊपर बतायी गई आठ शक्तियों में से, दो मुख्य शक्तियाँ सहन करने की शक्ति और सामने वाले के कार्यों को समाने की शक्ति की आवश्यकता है। बेशक, अन्य छह शक्तियों की भी आवश्यकता होती है लेकिन इस परिस्थिति में मुख्यता इन दो शक्तियों की आवश्यकता बाकी की तुलना में अधिक होती है। ऊपर दिया गया उदाहरण, एक सामान्य स्थिति को बताता है, जहाँ क्रोध और अहंकार दो मुख्य नकारात्मक (negative) शक्तियाँ हैं। तो दो आध्यात्मिक शक्तियों: सहन करने की शक्ति और समाने की शक्ति को इन नकारात्मक शक्तियों पर विजय प्राप्त करनी होती है। साथ ही, एक बहुत ही ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बात है कि ये चारों – दो आध्यात्मिक शक्तियाँ और साथ ही दो नकारात्मक शक्तियाँ आत्मा के अंदर के संस्कार हैं जिन्हें बदला जा सकता है। इसका अर्थ है कि आध्यात्मिक शक्तियों को बढ़ाया जा सकता है और नकारात्मक शक्तियों को हटाया या कम किया जा सकता है।
(कल जारी रहेगा…)
जब हम अपने मन में किसी भी प्रकार की मेंटल लिमिट्स तय कर लेते हैं, तो सबसे पहले जरूरी है कि, हम स्वयं के भीतर
मुश्किल हालातों से बाहर आने की हमारी सफ़लता दर में बड़ी गिरावट आने का महत्वपूर्ण कारण है; हमारे मन का उलझा हुआ होना या फिर
आज के समय में एक जरूरी आध्यात्मिक कौशल में पारंगत होने की आवश्यकता है; जो हमें हमारी मेंटल लिमिटेशन और जीवन में आने वाली बाधाओं;
अपने दिन को बेहतर और तनाव मुक्त बनाने के लिए धारण करें सकारात्मक विचारों की अपनी दैनिक खुराक, सुंदर विचार और आत्म शक्ति का जवाब है आत्मा सशक्तिकरण ।
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